सीपत से नशा मुक्ति रथ का भव्य शुभारंभ – अनेक गणमान्य अतिथियों की उपस्थिति, ब्रह्माकुमारीज का ऐतिहासिक प्रयास

सीपत (बिलासपुर)।
समाज को व्यसनमुक्त बनाने की दिशा में एक ऐतिहासिक कदम उठाते हुए ब्रह्माकुमारीज सेवाकेंद्र सीपत द्वारा नशा मुक्ति अभियान रथ का शुभारंभ किया गया। इस अवसर पर मुख्य अतिथि विजय कृष्ण पाण्डेय जी, कार्यकारी निदेशक एवं परियोजना प्रमुख, एनटीपीसी सीपत ने हरी झंडी दिखाकर रथ को रवाना किया।
इस अवसर पर विशिष्ट अतिथियों के रूप में

  1. दीपक राठौर जी, प्रोजेक्ट डायरेक्टर, बीएचईएल,
  2. जयप्रकाश सत्यकाम जी, एचआर, एनटीपीसी,
  3. चन्द्रशेखर गुप्ता जी, डीजीएम, एचआर, बीएचईएल,
  4. मनीषा वंशकार जी, सरपंच सीपत,
  5. गोपाल सत्पथी जी, थाना प्रभारी, सीपत,
  6. शलभ निगम जी, प्रिंसिपल, बाल भारती स्कूल, एनटीपीसी,
  7. डॉ. कमल छाबड़ा जी, कैबिनेट सेक्रेटरी, लायंस क्लब इंटरनेशनल
    तथा आसपास के गाँवों जांजी, देवरी, कौड़िया के सरपंच भी उपस्थित रहे।

मुख्य अतिथि विजय कृष्ण पाण्डेय जी, कार्यकारी निदेशक एवं परियोजना प्रमुख, एनटीपीसी ने अपने उद्बोधन में कहा कि नशा समाज को खोखला करने वाली सबसे बड़ी बुराई है। यह न केवल व्यक्ति के स्वास्थ्य को बिगाड़ता है, बल्कि परिवार की खुशियाँ, आर्थिक स्थिरता और सामाजिक सौहार्द सब कुछ छीन लेता है। उन्होंने कहा कि यदि किसी घर का एक सदस्य भी व्यसन की चपेट में आ जाता है तो पूरा परिवार संकट में पड़ जाता है। नशा क्षणिक सुख देता है, लेकिन उसका परिणाम जीवनभर दुख ही देता है। इससे शरीर बीमार होता है, घर की शांति भंग होती है और समाज में अपराध भी बढ़ते हैं। उन्होंने विशेष रूप से यह भी साझा किया कि वे स्वयं जीवन में हमेशा व्यसन से दूर रहते हैं और यही कारण है कि उन्हें कार्य और परिवार दोनों में संतुलन और ऊर्जा बनाए रखने की प्रेरणा मिलती है। उन्होंने कहा कि यदि हर व्यक्ति व्यसनमुक्त जीवन जीना शुरू कर दे तो स्वास्थ्य व्यय घटेगा, परिवार सुखी होगा और समाज समृद्ध बनेगा। श्री पाण्डेय ने आगे कहा कि ब्रह्माकुमारीज का यह नशा मुक्ति रथ अभियान केवल जागरूकता का साधन नहीं, बल्कि समाज को नई दिशा देने का प्रयास है। इससे लोगों को यह समझने का अवसर मिलेगा कि असली आनंद नशे में नहीं, बल्कि स्वच्छ और स्वस्थ जीवनशैली में है।

विशिष्ट अतिथि दीपक राठौर जी (प्रोजेक्ट डायरेक्टर, बीएचईएल) ने कहा कि व्यसन एक ऐसी बुराई है जो चुपचाप व्यक्ति और परिवार दोनों को बर्बाद करती है। सामूहिक प्रयास ही इसका समाधान है।
जयप्रकाश सत्यकाम जी (एचआर, एनटीपीसी) ने कहा कि नशा कार्यक्षमता घटाता है और मानसिक संतुलन बिगाड़ता है। इस अभियान से समाज को सही दिशा मिलेगी।
चन्द्रशेखर गुप्ता जी (डीजीएम, एचआर, बीएचईएल) ने युवाओं और ग्रामीणों को जागरूक करने की आवश्यकता पर बल दिया।
मनीषा वंशकार जी (सरपंच, सीपत) ने कहा कि रथ अभियान गाँव-गाँव जाकर महिलाओं और परिवारों को नशामुक्त जीवन का संदेश देगा।
गोपाल सत्पथी जी (थाना प्रभारी, सीपत) ने कहा कि अधिकांश अपराधों की जड़ व्यसन है। यदि नशा समाप्त हो जाए तो अपराध भी स्वतः घट जाएंगे। अपना अनुभव साझा करते हुए कहा कि पिछले 8 माह से पूरे सीपत क्षेत्र में नशा विरुद्ध अभियान चला रहे है जिसका बहुत सकरात्मक परिणाम मिला है।
शलभ निगम जी (प्रिंसिपल, बाल भारती स्कूल, एनटीपीसी) ने बच्चों को बचपन से ही व्यसन से दूर रखने के संस्कार देने पर जोर दिया। बच्चों में सबसे बड़ा नशा मोबाइल का है जिनसे हमें बच्चों को बचाना है।
डॉ. कमल छाबड़ा जी (कैबिनेट सेक्रेटरी, लायंस क्लब) ने सामाजिक संगठनों को आगे आकर इस अभियान का समर्थन करने की अपील की।
जांजी, देवरी और कौड़िया के सरपंचों ने भी संयुक्त रूप से इस रथ को गाँवों में नई चेतना जगाने वाला बताया।
बीके स्वाति दीदी, बिलासपुर सेवाकेंद्र संचालिका, ने अभियान की विस्तारपूर्वक जानकारी दी। उन्होंने कहा कि यह रथ चलता-फिरता विद्यालय है, जिसमें लोगों को ऑडियो-विजुअल सामग्री, स्लोगन, साहित्य और राजयोग ध्यान की विधि के माध्यम से नशे से होने वाले दुष्परिणाम और उससे मुक्ति पाने के उपाय बताए जाएंगे। नशे से छुटकारा पाने के लिए केवल जागरूकता पर्याप्त नहीं है। इसके लिए आत्मबल आवश्यक है। राजयोग ध्यान व्यक्ति को मानसिक शक्ति देता है और यही शक्ति व्यसन पर विजय पाने में सहायक बनती है। यह रथ हर व्यक्ति को प्रेरित करेगा कि वे नशा छोड़कर जीवन से जुड़ें।
सीपत क्षेत्र में यह नशा मुक्ति रथ अगले छह दिनों तक गाँव-गाँव जागरूकता और सेवा का अमृत संदेश बाँटेगा।

ईश्वरीय सेवा में
बीके स्वाति दीदी
राजयोग भवन बिलासपुर

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