गणित विभाग में टोपोलॉजी विषय पर अतिथि व्याख्यान आयोजित
शासकीय विलासा कन्या स्नातकोत्तर महाविद्यालय, बिलासपुर के गणित विभाग द्वारा आज दिनांक 08 अक्टूबर 2025 को “टोपोलॉजिकल स्पेसेज़ (Topological Spaces)” विषय पर एक अतिथि व्याख्यान का आयोजन किया गया। यह व्याख्यान प्रसिद्ध गणितज्ञ एवं विद्वान डॉ. जे. के. मैत्रा, विभागाध्यक्ष एवं अधिष्ठाता, गणित विभाग, रानी दुर्गावती विश्वविद्यालय, जबलपुर द्वारा प्रस्तुत किया गया।

डॉ. मैत्रा ने अपने व्याख्यान में टोपोलॉजी विषय की उत्पत्ति, विकास एवं इसके व्यावहारिक उपयोगों पर अत्यंत रोचक और ज्ञानवर्धक रूप से प्रकाश डाला। उन्होंने बताया कि टोपोलॉजी गणित की एक ऐसी शाखा है जो आकार, आकृतियों और स्थानों के उन गुणों का अध्ययन करती है, जो निरंतर रूपांतरण—जैसे खींचने या मोड़ने—के बावजूद भी अपरिवर्तित रहते हैं।

व्याख्यान के दौरान उन्होंने टोपोलॉजिकल स्पेसेज़, ओपन एवं क्लोज़्ड सेट्स, कन्वर्जेन्स (Convergence) तथा कंटीन्यूइटी (Continuity) जैसी मूल अवधारणाओं को सरल उदाहरणों के माध्यम से स्पष्ट किया। साथ ही उन्होंने बताया कि टोपोलॉजी का प्रयोग केवल गणित तक सीमित नहीं है, बल्कि यह कंप्यूटर विज्ञान, डेटा एनालिसिस, नेटवर्क थ्योरी, भौतिकी, तथा अन्य वैज्ञानिक क्षेत्रों में भी अत्यंत उपयोगी सिद्ध हो रही है।

उन्होंने छात्राओं को प्रेरित करते हुए कहा कि वे टोपोलॉजी के सिद्धांतों को आधुनिक शोध कार्यों में लागू करें और नई संभावनाओं की खोज करें।आधुनिक विज्ञान और तकनीक के विविध क्षेत्रों में इसका अनुप्रयोग इसे और अधिक महत्वपूर्ण बनाता है।
व्याख्यान के पश्चात छात्राओं ने विषय से संबंधित अनेक प्रश्न पूछे, जिनका समाधान डॉ. मैत्रा ने अत्यंत स्पष्टता एवं प्रभावशाली ढंग से किया।

इस अवसर पर गणित विभाग की विभागाध्यक्ष डॉ.आराधना शर्मा ने छात्राओं को प्रोत्साहित करते हुए अपने उद्बोधन में कहा कि गणित के अध्ययन में जिज्ञासा और निरंतर अभ्यास सबसे महत्वपूर्ण हैं। टोपोलॉजी गणित की वह शाखा है जो विद्यार्थियों में अमूर्त चिंतन, विश्लेषणात्मक दृष्टिकोण और तार्किक शक्ति का विकास करती है। उन्होंने कहा कि ऐसे शैक्षणिक आयोजन छात्राओं में शोध एवं नवाचार की भावना को प्रोत्साहित करते हैं तथा गणित को जीवनोपयोगी दृष्टिकोण से समझने की प्रेरणा देते हैं।

कार्यक्रम का संचालन श्रीमती मनीषा गुप्ता द्वारा किया गया।
अंत में श्री प्रकाश यादव ने आभार व्यक्त करते हुए कहा कि ऐसे व्याख्यान विद्यार्थियों को उच्च शिक्षा एवं शोध की दिशा में प्रेरित करते हैं।

इस अवसर पर एम.एससी. गणित की छात्राएँ बड़ी संख्या में उपस्थित रहीं।

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