0….क्षेत्र के बाहरी सामाजिक व्यक्ति शीतल दास के दुष्प्रभाव से गुरुद्वारा समिति परेशान

0…समाज में गुंडागर्दी करने वाले की पुलिस अधीक्षक से हुई शिकायत

बिलासपुर। झोपड़ापारा कबीर गुरुद्वारा समिति के पदाधिकारियों ने गुरुवार को प्रेस क्लब पहुँच कर पत्रकारों से चर्चा की। उन्होंने बताया कि समाज का ही एक व्यक्ति जो दूसरे क्षेत्र का निवासी है हमारे क्षेत्र के सामाजिक लोगो को उकसा कर गुंडागर्दी करवा रहा है जिससे समाज के पदाधिकारियों सहित सभी सदस्य परेशान है।
मानिकपुरी समाज के वरिष्ठ पदाधिकारी बी.एल. मानिकपुरी ने जानकारी दी कि रेल्वे कर्मचारी रहे कबीर पंथी बाबू दास ने जन सहयोग से 05 जनवरी 1955 को बिलासपुर नगर निगम क्षेत्र से जुड़े झोपड़ापारा कीर्तिनगर में कबीर गुरु द्वारा की स्थापना की थी। चूंकि गुरु द्वारा की भूमि रेल विभाग की थी इसलिए इस निर्माण को अतिक्रमण माना गया।तथाकथित अतिक्रमण को रोकने के लिए बाबू दास के ऊपर विभागीय कार्यवाही भी की गई व उन्हें जेल भेजा गया। लेकिन वे अपने संकल्प में अडिग रहे और अंततः सद्गुरु कबीर गुरुद्वारा के निर्माण को अंजाम तक पहुँचा ही दिया वही अब 05 जनवरी 2025 को गुरु द्वारा स्थापना की अर्धशती तिथि भी है ।
स्थापना के समय से बिलासपुर व आसपास ,दूरदराज के समस्त कबीर पंथी दर्शन सहित पूजा पाठ के लिए उक्त स्थान पर आते है। समय समय पर यहाँ चौका आरती और सामाजिक बैठकें भी होती है जिनका उदाहरण है पुरानी बैठकें। परंपरा के साथ साथ 1977 मे कबीर धर्म नगर दामा खेड़ा में तात्कालिक पंथश्री गृन्ध मुनि नाना साहेब की प्रेरणा और मार्गदर्शन में स्थापित भारतीय मानिकपुरी पनिका समाज के सप्तम घरघोड़ा अधिवेशन ( 23 से 25 फरवरी 1991 ) में निर्विरोध निर्वाचित राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ.देवधर महंत की नेतृत्व में 23 फरवरी 1992 को वृहद ऐतिहासिक सामाजिक सम्मेलन गुरुद्वारा में आयोजित हुआ। सामाजिक उत्थान हेतु गहन विचार विमर्श के उपरांत राष्ट्रीय कार्यकारिणी का मनोनयन किया गया। इसी तारतम्य में डॉ. चरण दास महंत के तात्कालीन मध्यप्रदेश सरकार में मंत्री बनने पर उनके सम्मान में गुरुद्वारा में भव्य सामाजिक सम्मेलन आयोजित किया गया जिसमे उनका सम्मान व अभिनंदन भी किया गया। इसी तरह समाजिक संविधान संशोधन बाबत विशाल बैठक भी कालांतर में गुरुद्वारा में आयोजित हुई। अन्य सामाजिक कार्यक्रम और बैठकों का सिलसिला निरंतर यहां चलता रहा इसी तरह प्रतिवर्ष कबीर जयंती भी यहाँ धूमधाम से मनाई जाती है।
समाज के लोगों ने बताया कि वरिष्ठ समाजसेवी बी.एल. मानिकपुरी तात्कालिक डिप्टी कलेक्टर के प्रयासों से व पूर्व में मंत्री रहे विधायक अमर अग्रवाल द्वारा गुरुद्वारा के पुनः निर्माण व विस्तार हेतु 12 लाख रुपये की राशि स्वीकृत की गई जिससे पुनः निर्माण व विस्तार कार्य भी किया गया। कबीर गुरुद्वारा को अपने कमाई का जरिया बनाकर शीतलदास महंत ने गुरुद्वारा प्रबंध समिति में कब्जा कर गुटबाजी करवाकर विवाद उत्पन्न करवा दिया। बता दें कि हाल ही में नारायण दास को कबीर गुरुद्वारा समिति झोपड़ापारा का अध्यक्ष चुना गया जिस पर दूसरे गुट द्वारा आपत्ति व विवाद की स्थिति निर्मित की गई।इसलिए कबीर पंथ की विचारधारा के अनुरूप सामाजिक एकता और सौहाद्रपूर्ण वातावरण स्थापित करने का प्रयास वरिष्ठ सामाजिक जनों, स्थानीय पार्षद सहित रेल विभाग के चीफ मटेरियल मैनेजर नवीन सिंह द्वारा किया गया । चूँकि समिति में सामंजस्य नही बन पा रहा था इसलिए सर्व सम्मति से बीते 22 दिसंबर को नवीन सिंह मैनेजर मटेरियल रेल्वे, अजय यादव वार्ड पार्षद,डॉ. देवधर महंत पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष, डॉ.फुलदास महंत महासचिव पनिका महासमिति ( नई दिल्ली ),डॉ. मानिक दास मानिकपुरी, व दिनेश दिवान की पहल एवं सहभगिता से दोनों पक्षो में राय मशविरा कर उनकी सहमति से सर्व सम्मत कार्यकारणी निर्वाचन हेतु पाँच-पाँच प्रतिनिधि चयनित किया गया व दोनों पक्षों के समन्वय से उत्तम दास को अध्यक्ष, सरस्वती देवी,मुकेश दास,परमेश्वर दास को उपाध्यक्ष ,बबलू दास को सचिव,असीम दास को कोषाध्यक्ष व शंकर दास को सहसचिव निर्वाचित किया गया । लेकिन सर्वसम्मति से निर्वाचित पदाधिकारियों के घोषणा के उपरांत भी बेलतरा निवासी शीतल दास अपने अन्य साथियों सहित उक्त निर्वाचन को ना मानते हुए शांति भंग का प्रयास किया जा रहा है। शीतल दास व उनके सहयोगियों की पुलिस अधीक्षक तक शिकायत पहुंचाई गई है। अशांति फैलाने वालों के खिलाफ कठोर कानूनी कार्यवाही की माँग समाज ने की है ।

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