

स्वस्थ सोच से ही स्वस्थ समाज की परिकल्पना संभव बीके स्वाति दीदी
20 जून 2025बिलासपुर। मानव जीवन ईश्वर का एक अनमोल उपहार है। जीवन खुश रहने और खुशियां बांटने का दूसरा नाम है। इसे सफलतापूर्वक सुख शांति से जीना भी एक कला है। आज चारों और अशांति, टेंशन, दुख, चिंता और बेचैनी का माहौल नजर आता है। ऐसे में हर कोई सुख शांति व सुखी से स्वस्थ जीवन जीने की कला सीखना चाहता है। उक्त वक्तव्य प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय के मुख्य शाखा टेलीफोन एक्सचेंज रोड स्थित राजयोग भवन सेवाकेंद्र में अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के अवसर पर आयोजित तीन दिवसीय स्वस्थ मन एवं स्वास्थ्य तन कार्यक्रम में सेवाकेंद्र संचालिका बीके स्वाति दीदी ने कहा। दीदी ने आगे बताया कि आज संसार में मनुष्य ने जितना भौतिक विकास किया है उतना पहले कभी नहीं किया था। लेकिन आज मनुष्य जितना परेशान चिंतित वह भयभीत है उतना भी वह पहले कभी नहीं था। क्या कारण है कि भौतिक विकास का भी सच्चा सुख नहीं ले पा रहा है? क्यों आज समाज में इंसानियत, भाईचारा, प्रेम भाव और रहम भावना समाप्त होते जा रहा है? कारण स्पष्ट है कि बाहर के विकास पर तो ध्यान दिया गया पर मन के विकास पर जरा भी सोचा नहीं परिणाम स्वरुप दिन प्रतिदिन मनुष्य का मन निर्बल नकारात्मक और कर्मेंद्रियों व विषय विकारों के अधीन होता गया। यदि आज हम सुखी जीवन के मूलभूत सिद्धांतों को समझ कर अपने मन को सही सोचने की दिशा दे तो हमारी जिंदगी बहुत खूबसूरत हो सकती है, और हमारी जिंदगी में भी खुशियों की बहार आ सकती है। इसके लिए लोगों को आध्यात्मिकता व जीवन मूल्यों से स्वयं को जोड़ना होगा। राजयोग मेडिटेशन का अभ्यास मनोविकारों पर जीत पहनने व सकारात्मक सोच विकसित करने के लिए हमें सशक्त बनाता है। मेडिटेशन से मन बुद्धि वह संस्कार की एकाग्रता आती है। जीवन को सुख में बनाने के लिए हमें सबसे पहले अपने विचारों को निर्मल स्वच्छ व पवित्र बनाना होगा। क्योंकि स्वस्थ सोच से ही स्वस्थ समाज की परिकल्पना संभव है। शारीरिक व मानसिक रूप से स्वस्थ व्यक्ति ही स्वस्थ समाज का निर्माण कर सकता है। एक आदर्श सभ्य मूल्य आधारित और स्वस्थ समाज का नवनिर्माण वर्तमान समय की अति महत्वपूर्ण आवश्यकता है। स्वच्छ व स्वस्थ समाज ही वास्तव में सुंदर और सुखी समाज बन सकता है।
योग प्रशिक्षिका ट्विंकल गंभीर ने योग का महत्व बताते हुए विभिन्न प्रकार के योगासनों की जानकारी दिया।
ईश्वरीय सेवा में
बीके स्वाति दीदी
राजयोग भवन, बिलासपुर

