

KVK कर्मचारियों का धैर्य टूटा — आज पूरे प्रदेश में एक दिवसीय कलमबंद हड़ताल, IGKV प्रशासन को दी निर्णायक चेतावनीइंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय, रायपुर के अंतर्गत कार्यरत समस्त कृषि विज्ञान केंद्रों के अधिकारियों एवं कर्मचारियों द्वारा आज दिनांक 17 नवम्बर 2025 को छत्तीसगढ़ कृषि विज्ञान केंद्र सर्व कर्मचारी कल्याण संघ तथा राष्ट्रीय संगठन “फोरम ऑफ केवीके एंड एआईसीआरपी” के राष्ट्रव्यापी आह्वान पर “एक दिवसीय कलमबंद हड़ताल” आयोजित की गई। यह निर्णय संघ द्वारा जारी विस्तृत घोषणा पत्र एवं वर्षों से लंबित वैधानिक सेवा-लाभों पर विश्वविद्यालय प्रशासन की पूर्ण उदासीनता के कारण लिया गया। संघ ने इसे “कर्मचारियों के अस्तित्व, समानता और संवैधानिक अधिकारों की रक्षा का संघर्ष” बताया। संघ ने कहा कि बीते एक वर्ष में विश्वविद्यालय प्रशासन से बार-बार अनुरोध, ज्ञापन और विमर्श के बाद भी निम्न विषयों पर कोई ठोस निर्णय नहीं लिया गया। GPF/NPS लाभों की बहाली रोकना, पूर्णकालिक नियुक्त कर्मचारियों को पूर्व में दिए जाने वाले GPF/NPS लाभों को बिना किसी आदेश या प्रक्रिया के अचानक समाप्त कर दिया गया। यह सामाजिक सुरक्षा, सेवा नियम और संवैधानिक संरक्षणों का स्पष्ट उल्लंघन है। मेडिकल व अन्य वैधानिक भत्तों का बंद किया जाना, बिना सूचना—मेडिकल अलाउंस एवं आवश्यक भत्ते रोक दिए गए, जिससे ग्रामीण क्षेत्रों में कार्यरत कर्मचारियों को अत्यधिक कठिनाइयाँ हो रही हैं। CAS एवं उच्च वेतनमान का बंद होना पदोन्नति की प्रक्रिया पूरी तरह बाधित है, जिससे कर्मचारियों का मनोबल गंभीर रूप से क्षतिग्रस्त हुआ है। द्वैध नीति— जिम्मेदारियाँ विश्वविद्यालय जैसी, लेकिन सेवा-सुविधाओं में कर्मचारियों को बाहर करना भेदभावपूर्ण एवं असंवैधानिक है। सेवा निवृत्ति आयु 60 वर्ष करना, IGKV विनियम तकनीकी स्टाफ के लिए 65 वर्ष, गैर-तकनीकी के लिए 62 वर्ष तय करते हैं, लेकिन KVK कर्मचारियों के लिए मनमाने ढंग से 60 वर्ष कर दी गई। सेवानिवृत्ति उपरांत लाभों से वंचित करना, पेंशन, ग्रेच्युटी, पारिवारिक पेंशन—सभी रोक दिए गए, जो न्यायिक आदेशों तक का उल्लंघन है। उच्च शिक्षा के अवसरों को रोकना, पूर्व में उपलब्ध उच्च शिक्षा अनुमति को रोक दिया गया जो कर्मचारी अधिकार का हनन है। फोरम ऑफ केवीके एंड एआईसीआरपी द्वारा 11 नवम्बर 2025 को ICAR को पत्र (FKA/2025/1575) भेजकर स्पष्ट घोषणा की गई की 17 नवम्बर को देशभर में एक दिवसीय कलमबंद हड़ताल और 30 नवम्बर तक समाधान न मिलने पर 01 दिसम्बर से सभी Non-Mandated Activities का राष्ट्रव्यापी बहिष्कार के साथ चरणबद्ध उग्र आंदोलन किया जाएगा। संघ ने स्पष्ट किया की हड़ताल पूर्णतः अनुशासित और मर्यादित रूप में आयोजित की गई है जिसका उद्देश्य केवल वैधानिक सेवा अधिकारों की रक्षा करना है। यदि कृषि विस्तार कार्यों में बाधा आती है तो इसकी पूर्ण जिम्मेदारी प्रशासनिक उदासीनता की होगी। संघ की स्पष्ट चेतावनी दी है की 10 दिनों में पूर्ण वेतन प्रदाय, NPS योगदान, CAS, मेडिकल भत्ता, सेवा नियमों के अनुरूप लाभ पर स्पष्ट निर्णय नहीं तो 28 नवम्बर 2025 को विश्वविद्यालय मुख्यालय के समक्ष एक दिवसीय धरना-प्रदर्शन आयोजित किया जाएगा। इसके बाद Non-Mandated Activities का बहिष्कार और चरणबद्ध उग्र आंदोलन किया जाएगा। संघ ने माननीय कुलपति महोदय से अपेक्षा की, तत्काल हस्तक्षेप कर विश्वविद्यालय प्रशासन को संवैधानिक, न्यायोचित एवं कर्मचारी हितैषी निर्णय लेने हेतु निर्देशित करें। यह केवल कर्मचारियों का मुद्दा नहीं किन्तु विश्वविद्यालय की विश्वसनीयता, कृषि विस्तार तंत्र की मजबूती और किसानों तक तकनीक पहुंचाने की निरंतरता का प्रश्न है।


