बिलासा गुड़ी में पुलिस अधीक्षक रजनेश सिंह की अध्यक्षता में एक महत्वपूर्ण बैठक आयोजित की गई। इसमें सभी बैंक प्रबंधक, सीएसएम प्राइवेट सिक्योरिटी कंपनी के प्रतिनिधि, आबकारी विभाग के अधिकारी, और पुलिस विभाग के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे। बैठक का उद्देश्य बैंकिंग सुरक्षा उपायों को सुदृढ़ करना और म्यूल खातों व संदिग्ध लेन-देन पर चर्चा करना था।
मुख्य बिंदु और निर्णय
1. म्यूल खातों और अवैध लेन-देन की रिपोर्टिंग
बैठक में बैंकों को निर्देश दिया गया कि म्यूल खातों में अवैध धन जमा की सूचना तुरंत संबंधित अधिकारियों को दी जाए। इससे साइबर अपराध और धोखाधड़ी पर प्रभावी नियंत्रण किया जा सकेगा।
2. एटीएम सुरक्षा
सभी एटीएम पर सुरक्षा गार्ड की तैनाती अनिवार्य की गई। इससे ग्राहकों और बैंक संपत्तियों की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सकेगी।
3. धन ले जाने वाले वाहनों की सुरक्षा
निर्णय लिया गया कि धन परिवहन करने वाले वाहनों में प्रशिक्षित और लाइसेंसधारी सुरक्षा गार्ड होना अनिवार्य है। यह किसी भी अप्रिय घटना को रोकने में सहायक होगा।
4. सुरक्षा ऑडिट
बैंकों में विस्तृत सुरक्षा ऑडिट का निर्देश दिया गया। पुलिस विभाग इस कार्य में सहयोग करेगा ताकि सुरक्षा में मौजूद कमजोरियों की पहचान कर उन्हें दूर किया जा सके।
5. सीसीटीवी निगरानी
बैंकों को उन्नत गुणवत्ता वाले सीसीटीवी कैमरे लगाने का निर्देश दिया गया, जिनमें बेहतर ऑडियो और वीडियो रिकॉर्डिंग क्षमता हो। यह निगरानी और अपराध जांच में सहायक होगा।
6. साइबर अपराध रिपोर्टिंग
साइबर अपराधों की रिपोर्टिंग के लिए हेल्पलाइन नंबर 1930 का उपयोग करने पर जोर दिया गया। बैंक अधिकारियों को इसकी जानकारी ग्राहकों तक पहुंचाने की जिम्मेदारी दी गई।
प्रस्ताव और आश्वासन
बैठक में मौजूद बैंक प्रबंधकों, आबकारी विभाग, और प्राइवेट सिक्योरिटी कंपनियों के प्रतिनिधियों ने अपने सुझाव साझा किए। पुलिस अधीक्षक ने सभी सुझावों पर विचार करने और सुरक्षा ढांचे को मजबूत बनाने का आश्वासन दिया। उन्होंने थाना प्रभारियों को कानून व्यवस्था सुचारू बनाए रखने के निर्देश दिए।
निष्कर्ष
बैठक ने बिलासपुर में बैंकिंग और सुरक्षा उपायों को बेहतर बनाने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं। यह प्रयास नागरिकों को सुरक्षित और संरक्षित वातावरण प्रदान करने के प्रति पुलिस और प्रशासन की प्रतिबद्धता को दर्शाता है।