श्री पीताम्बरा पीठ त्रिदेव मंदिर सुभाष चौक सरकण्डा बिलासपुर छत्तीसगढ़ में बगलामुखी जयंती के पावन पर्व पर धार्मिक अनुष्ठानों का आयोजन 14 मई 2024 से प्रारंभ हो गया है जिसमे रात्रिकालीन पीताम्बरा हवनात्मक महायज्ञ भी चल रहा है एवं 19 मई को पूर्णाहुति अभिजीत मुहूर्त में किया जाएगा।

इस पावन पर्व पर प्रतिदिन माँ श्री ब्रह्मशक्ति बगलामुखी देवी का विशेष पूजन,श्रृंगार, देवाधिदेव महादेव श्री शारदेश्वर पारदेश्वर महादेव का प्रातः कालीन रुद्राभिषेक श्री महाकाली महालक्ष्मी महासरस्वती राजराजेश्वरी त्रिपुरसुंदरी देवी का श्री सूक्त षोडश मंत्र द्वारा दूधधारिया पूर्वक अभिषेक,परमब्रह्म मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम जी का पूजन श्रृंगार एवं रात्रि कालीन हवनात्मक महायज्ञ किया जा रहा है।इस अवसर पर बेंगलुरु से पधारे श्री पीयूष प्रकाश श्रीमती शालू प्रकाश पीतांबरा यज्ञ के प्रधान यजमान के रूप में सम्मिलित हुए।

पीताम्बरा पीठाधीश्वर आचार्य डॉ.दिनेश जी महाराज ने कहा कि संसार की सबसे श्रेष्ठ रचना माता पिता है प्रत्येक व्यक्ति को अपने माता-पिता की सेवा करनी चाहिए जिससे व्यक्ति को अनेक तीर्थ स्थान के दर्शन का फल प्राप्त होता है इसीलिए इसीलिए शास्त्रों में लिखा है मातृ देवो भवः, पितृ देवो भवः।अर्थात् माता,पिता देवता के समान है।

बाहर के विरोधी आपकी उन्नति में बाधा पहुंचाते हैं श्री राम जी के जीवन में रावण विरोधी था जिसने राम जी की कीर्ति को इस प्रकार से धूमिल करना चाहा था उस दौरान विरोधी को साधने के लिए राम जी ने देवी उपासना किया।”ऐं”मंत्र की साधना विद्या “ह्रीं”मंत्र की उपासना से धन प्राप्ति और”क्लीं” मंत्र की साधना से बाहर भीतर के शत्रुओं का नाश होता है कहना यह है कि सर्वसिद्धि केवल देवी साधना से ही संभव है।

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