बिलासपुर। गुरू घासीदास विश्वविद्यालय (केन्द्रीय विश्वविद्यालय) के माननीय कुलपति महोदय प्रोफेसर आलोक कुमार चक्रवाल और मौलाना अबुल कलाम आजाद एशियाई अध्ययन संस्थान के निदेशक प्रो. स्वरूप प्रसाद घोष ने दोनों संस्थानों के मध्य दिनांक 23 अप्रैल, 2024 को सुबह 10 बजे प्रशासनिक भवन के सभाकक्ष में हुए समझौता ज्ञापन का आदान प्रदान किया गया। दोनों अतिथियों की उपस्थिति में केन्द्रीय विश्वविद्यालय में मौलाना अबुल कलाम आजाद एशियाई अध्ययन संस्थान का केन्द्र खोले जाने पर सैद्धांतिक सहमति भी हुई।
इस अवसर पर कुलपति प्रोफेसर आलोक कुमार चक्रवाल ने दोनों संस्थानों के मध्य हुए समझौता ज्ञापन पर हर्ष व्यक्त करते हुए कहा कि एशियाई देशों की संस्कृति व ज्ञान पुरातन होने के साथ ही समृद्ध और मजबूत आधार पर स्थापित है। उन्होंने कहा कि इस समझौता ज्ञापन के माध्यम से मौलाना अबुल कलाम आजाद एशियाई अध्ययन संस्थान का विस्तार होगा जिससे एशियाई इतिहास के शोध एवं अनुसंधान के प्रति युवाओँ की रुचि बढ़ेगी।
कुलपति प्रो. चक्रवाल ने कहा कि हमें प्राचीन भारतीय ज्ञान परंपरा को युवाओं तक वैज्ञानिक स्वरूप में पहुंचाने की आवश्यकता है। हमारी ज्ञान परंपरा में वैज्ञानिक विचार एवं तर्क को प्राथमिक दी गई है। गुरु घासीदास विश्वविद्यालय नीति को समग्र रूप में क्रियान्वित करने में निरंतर प्रयासरत है। दोनों संस्थान संस्कृति के अनुसंधानात्मक दृष्टिकोण के साथ शोध एवं नवाचार के विभिन्न क्षेत्रों में राष्ट्रीय शिक्षा नीति को दृष्टिगत रखते हुए क्रियान्वियत करने के लिए विज्ञान और तकनीकी के माध्यम से समेकित प्रयास करेंगे।
मौलाना अबुल कलाम आजाद एशियाई अध्ययन संस्थान के निदेशक प्रो. स्वरूप प्रसाद घोष ने कहा कि यह समझौता ज्ञापन दोनों संस्थानों को अकादमिक रूप से और अधिक समीप लाने में कारगर सिद्ध होगा। राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 में सभी के लिए समानता, अभिगम, लचीलापन, शोध व अनुसंधान के लिए अवसर है। उन्होंने कहा कि दोनों संस्थान इस एमओयू को सक्रियता के साथ लागू करेंगे जिससे युवाओं को इसका लाभ प्राप्त हो सके।
एमओयू से दोनों संस्थानों को होगा फायदा-

  • इस एमओयू के तहत अकदामिक, शोध, अनुसंधान एवं नवाचार के क्षेत्र में दोनों संस्थानों द्वारा किये जा रहे नवीनतम कार्यक्रमों एवं प्रयासों को साझा किया जाएगा।
  • इस समझौता ज्ञापन के अंतर्गत दोनों संस्थानों के शोधार्थी एवं शिक्षक शोध एवं अन्य अकादमिक गतिविधियों हेतु एक-दूसरे के संस्थानों का शैक्षणिक भ्रमण कर सकेंगे।
  • दोनों संस्थान साथ मिलकर विभिन्न विषयों पर संगोष्ठियां, अल्पकालिक कार्यक्रम, कार्यशालाएं एवं सिम्पोजियम का आयोजन करेंगे।
  • यह समझौता ज्ञापन दक्षिण पूर्व एशिया की सांस्कृतिक परंपराओं का अध्ययन करेंगे।
    इससे पूर्व अतिथियों का पुष्पगुच्छ भेंट कर स्वागत किया गया। प्रो. प्रवीण कुमार मिश्र ने संचलान एवं विश्वविद्यालय के कुलसचिव प्रो. ए.एस. रणदिवे ने धन्यवाद ज्ञापित किया। इस दौरान विभिन्न विद्यापीठों के अधिष्ठातागणों ने विचार व्यक्त किये।
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