एनसीसी का मतलब राष्ट्रीय कैडेट कोर है जो सेना, नौसेना और वायु सेना के विभिन्न विंगों के लिए स्कूलों और कॉलेजों के कैडेटों को बुनियादी प्रशिक्षण प्रदान करता है। इसका उद्देश्य कैडेटों को अनुशासित और देशभक्त नागरिक बनाना है। सी एम दुबे महाविद्यालय बिलासपुर के अध्यक्ष डॉ संजय दुबे ने कहा की एनसीसी कैडेटों को नेतृत्व कौशल को बेहतर बनाने और उनके चरित्र गुणों को बढ़ाने के लिए माउंटेन ट्रेक्स और अभियान, ट्रेकिंग, पैरासेलिंग, सेलिंग, स्कूबा डाइविंग, कयाकिंग, कैमल सफारी सहित कई साहसिक गतिविधियों में भाग लेने का अवसर दिया जाता है। विभिन्न एनसीसी शिविर आयोजित किए जाते हैं
जैसे संयुक्त वार्षिक प्रशिक्षण शिविर (सीएटीसी), बुनियादी नेतृत्व शिविर (बीएलसी) प्री-गणतंत्र दिवस शिविर (पीआरडीसी), उन्नत नेतृत्व शिविर (एएलसी), हिमालयन पर्वतारोहण संस्थान दार्जिलिंग में पाठ्यक्रम, पैरा ट्रूपर्स कैंप (पीटीसी), एनसीसी का मुख्य फोकस कैडेटों की आत्मा में अनुशासन पैदा करने के अलावा रैंकों के लिए स्वस्थ प्रतिस्पर्धा को बढ़ावा देना है, जबकि राष्ट्र के व्यापक हित को ध्यान में रखते हुए सशस्त्र बलों के लिए भावी अधिकारी तैयार करना है। राष्ट्रीय कैडेट कोर अपनी तरह का एकमात्र संगठन है, जो देश के 15 लाख से अधिक युवाओं को नेतृत्व, अनुशासन, एकीकरण, साहसिक कार्य, सैन्य, शारीरिक और सामुदायिक विकास प्रशिक्षण प्रदान करता है।
7 सी जी बटालियन बिलासपुर की सी एम दुबे महाविद्यालय बिलासपुर एनसीसी इकाई द्वारा वर्ष 2024-25 में की गई सभी गतिविधियों का सारांश प्रदर्शित किया गया है।
7 सी जी बटालियन बिलासपुर,28 सी जी बटालियन रायगढ़,1 सी जी बटालियन कोरबा, एनसीसी के जेके इंजीनियरिंग महाविद्यालय गतौरा बिलासपुर में 10 दिवसीय एनसीसी संयुक्त वार्षिक प्रशिक्षण शिविर (सीएटीसी-6) का आयोजन किया गया। शिविर में विभिन्न स्कूलों और कॉलेजों के 600 से अधिक कैडेटों ने भाग लिए हैं
पहला दिन उद्घाटन का दिन था जिसमें हमारे प्रशासनिक अधिकारी लेफ्टिनेंट कर्नल संजीव कुमार राय साहब ने एक ऊर्जावान भाषण दिया जिसने कैडेटों को प्रेरित किया। एनसीसी के उद्देश्य और लक्ष्यों को स्पष्ट किया गया और साथ ही, उन्होंने हमें शिविरों की अनुसूची और विवरण के बारे में जानकारी दी।
अगले दिन से सभी कैडेटों ने दिए गए कार्यक्रम का पालन किया। कार्यक्रम कैडेटों के लिए बहुत ही आश्चर्यजनक था, क्योंकि यह पूरी तरह से अभ्यास और व्याख्यान से भरा हुआ था। व्याख्यान प्रतिदिन निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार आयोजित किए गए थे जिसमें हथियार प्रशिक्षण, मानचित्र पढ़ना, राइफलों का तकनीकी डेटा, गश्त, खेल और कुछ अन्य जमीनी प्रशिक्षण शामिल थे जो सशस्त्र बलों में उपयोग किए जाते हैं।
दूसरी ओर शारीरिक गतिविधि को बढ़ाने और नेतृत्व कौशल विकसित करने के लिए 100 मीटर दौड़, वॉलीबॉल और बास्केटबॉल टूर्नामेंट जैसी कुछ खेल गतिविधियाँ आयोजित की गईं। जिसमें कैडेटों ने बड़े उत्साह के साथ भाग लिया।
शिविर के तीसरे दिन निरीक्षण के लिए ब्रिगेडियर बी.के.चौहान साहब ने पूरे कैंप का निरीक्षण किया सभी एनसीसी ऑफिसर और एनसीसी के बटालियन के आधिकारी और छात्र-छात्राओं कैडेट्स से मिले और उनसे चर्चा कि 0.22 राइफल को कैसे जोड़ना और खोलना है और इसे कैसे साफ करना है। हमें पैदल सेना, तोपखाने और बख्तरबंद के बारे में भी जानकारी दी गई है और इस सीएटीसी कैंप के कैंप सीनियर जेसीओ सूरज कश्यप सी एम दुबे महाविद्यालय बिलासपुर एनसीसी इकाई को चयन किया गया है और अपनी भावना और कड़ी मेहनत दिखाई।चौथे दिन सुबह में हमने 7.62 मिमी सेल्फ लोडिंग राइफल की असेंबलिंग और डिसेम्बलिंग और इसकी विशेषताओं, लैंडमार्क के संकेत पर व्याख्यान दिए और बाद में शाम को एनसीसी अधिकारियों आशीष शर्मा,अशोक कुमार नागपुरे, रविराज आडील, नंदकिशोर पटेल, मो.जफर, रोहित लहरे ने कैडेटों के बीच संचार कौशल में सुधार , स्वास्थ्य और स्वच्छता, बनाए रखने के साथ-साथ ऑनलाइन धोखाधड़ी को रोकने के लिए जागरूक किया गया ।
पांचवें दिन, हमारे एनसीसी अधिकारी ने कैडेटों को लेकर दूसरी बटालियन सकरी ले गए फील्ड सिग्नल, ऑप्टिकल, के बारे में जिसमें सिद्धांत के साथ-साथ जमीनी अभ्यास भी शामिल था। हमने यह भी सीखा कि .22 राइफल को कैसे लोड और अनलोड किया जाए और अभ्यास के साथ इसकी फायरिंग स्थिति क्या होनी चाहिए कैंप में सी एम दुबे महाविद्यालय बिलासपुर के अध्यक्ष डॉ. संजय दुबे ने कहा कि अपनी इकाई को शुभकामनाओं के साथ अपनी प्रशंसा प्रेषित की साथ ही 7 सी जी बटालियन के एस एम साहब, जेसीओ साहब, हवालदार साहब के सहयोग से यह कैंप चल रहा है