
नया श्रम संहिता 2025: हफ्ते में 4 दिन काम, 3 दिन छुट्टी और सैलरी में बदलाव
देवकुमार कनेरी
अधिवक्ता हाई कोर्ट बिलासपुर छत्तीसगढ
Mo 8319866113
New Labor Code 2025 (नया श्रम संहिता 2025) : भारत में काम करने वाले करोड़ों कर्मचारियों के लिए साल 2025 का नया श्रम संहिता (Labour Code) कई बड़े बदलाव लेकर आया है। अब कर्मचारियों को हफ्ते में 5 नहीं बल्कि सिर्फ 4 दिन काम करना होगा और बाकी के 3 दिन उन्हें छुट्टी मिलेगी। लेकिन इसके साथ ही सैलरी, ओवरटाइम और पीएफ जैसे नियमों में भी कुछ अहम बदलाव किए गए हैं। ये बदलाव न सिर्फ कर्मचारियों की वर्क-लाइफ बैलेंस को बेहतर बनाएंगे, बल्कि कंपनियों की प्रोडक्टिविटी पर भी असर डाल सकते हैं।
सरकार ने 2025 के नए श्रम संहिता के तहत यह सुविधा दी है कि कंपनियां चाहें तो अपने कर्मचारियों से हफ्ते में 4 दिन ही काम करवा सकती हैं। हालांकि इसमें एक शर्त है – चारों दिन कर्मचारियों को 12-12 घंटे काम करना होगा।
मुख्य बिंदु:
हफ्ते में 48 घंटे काम करना अनिवार्य रहेगा।
कंपनियां 4, 5 या 6 दिन काम वाले फॉर्मेट अपना सकती हैं।
छुट्टियों की संख्या में कोई कटौती नहीं की जाएगी।
कर्मचारियों को हफ्ते में तीन दिन की छुट्टी मिल सकती है, लेकिन काम के घंटे बढ़ाए जाएंगे।
नया श्रम संहिता 2025 : कर्मचारियों की सैलरी पर असर
कई लोगों को चिंता है कि 3 दिन छुट्टी होने से कहीं सैलरी में कटौती तो नहीं होगी? इसका जवाब है – नहीं। अगर आप 48 घंटे हफ्ते के पूरा करते हैं, तो आपकी सैलरी में कोई कटौती नहीं होगी।
बिंदु पहले (5-6 दिन काम)अब (4 दिन काम)कुल घंटे प्रति सप्ताह48 घंटे48 घंटेप्र ति दिन काम के घंटे8-9 घंटे12 घंटेसाप् ताहिक छुट्टी1-2 दिन3 दिनसैलरीयथावतयथावत
कंपनियों और कर्मचारियों दोनों को फायदा
सरकार का उद्देश्य है कि कर्मचारियों को बेहतर वर्क-लाइफ बैलेंस मिले और कंपनियां लचीलेपन के साथ काम कर सकें। कई स्टार्टअप्स और IT कंपनियां इस नियम को अपनाने के लिए तैयार भी दिख रही हैं।
संभावित फायदे:
कर्मचारियों को मानसिक और शारीरिक राहत मिलेगी।
कंपनियों की उत्पादकता बढ़ सकती है क्योंकि कर्मचारी ज्यादा फ्रेश होकर काम करेंगे।
ऑफिस स्पेस और संसाधनों पर खर्च कम होगा।
ओवरटाइम और छुट्टियों से जुड़े नए नियम
ओवरटाइम:
यदि कर्मचारी तय 48 घंटे से ज्यादा काम करता है, तो उसे ओवरटाइम मिलेगा।
एक दिन में 12 घंटे से ज्यादा काम नहीं लिया जा सकता।
ओवरटाइम की गिनती 15 मिनट से शुरू होगी।
छुट्टियां:
कर्मचारियों को साल में कम से कम 24 पेड लीव मिलेंगी।
180 दिनों की सर्विस के बाद छुट्टी की पात्रता तय होगी।
सामाजिक सुरक्षा और पीएफ पर असर
नए श्रम संहिता के अनुसार अब बेसिक सैलरी कुल सैलरी का 50% या उससे अधिक होनी चाहिए। इससे पीएफ की राशि भी बढ़ेगी।
असर:
कर्मचारियों का PF योगदान बढ़ेगा, जिससे रिटायरमेंट के बाद मोटी रकम मिलेगी।
लेकिन नेट इन-हैंड सैलरी थोड़ी कम हो सकती है।
ग्रेच्युटी और ईएसआई जैसी सुविधाओं में भी सुधार होगा।
किन्हें हो सकता है ये बदलाव भारी?
फैक्ट्री और निर्माण कार्य में लगे मजदूरों के लिए 12 घंटे का शेड्यूल थका देने वाला हो सकता है।
जिन सेक्टर्स में ग्राहक सेवा 24×7 चलती है, वहां 4 दिन वीक मॉडल लागू करना चुनौतीपूर्ण हो सकता है।
छोटे व्यवसायों के लिए शेड्यूल मैनेज करना मुश्किल हो सकता है।
क्या यह बदलाव आपके लिए फायदेमंद है?
नया श्रम संहिता 2025 भारत के कार्यबल के लिए एक क्रांतिकारी कदम हो सकता है, खासकर उन लोगों के लिए जो मानसिक थकान और जीवन में असंतुलन महसूस कर रहे थे। हालांकि हर किसी के लिए यह बदलाव समान रूप से अनुकूल नहीं होगा, लेकिन जो कंपनियां अपने कर्मचारियों की भलाई को प्राथमिकता देती हैं, उनके लिए यह मॉडल काम कर सकता है।
यह लेख नए श्रम संहिता 2025 में प्रस्तावित बदलावों पर आधारित है। कंपनियां इन नियमों को अपनाने के लिए बाध्य नहीं हैं, यह उन पर निर्भर करता है कि वे किस मॉडल को अपनाती हैं।

@adv.dkkaneri