रायपुर । छत्तीसगढ़ में शिक्षा व्यवस्था को कमजोर करने वाले निर्णयों के खिलाफ राष्ट्रीय छात्र संगठन (NSUI) ने मोर्चा खोलते हुए लोक शिक्षण संचालनालय, रायपुर में विरोध दर्ज कराया। प्रदेश प्रभारी महामंत्री हेमंत पाल के नेतृत्व में एक प्रतिनिधिमंडल ने नया रायपुर में अपर सचिव, स्कूल शिक्षा विभाग आर.पी. वर्मा को ज्ञापन सौंपा है ।

ज्ञापन में प्रदेश सरकार द्वारा प्रस्तावित तीन प्रमुख फैसलों पर आपत्ति दर्ज की गई:

शिक्षकों का युक्तियुक्तकरण (स्थानांतरण व समायोजन प्रक्रिया)
35,000 शिक्षक पदों की समाप्ति
4000 शासकीय विद्यालयों को बंद करने की योजना
NSUI ने इसे न केवल संविधान के अनुच्छेद 21-A और शिक्षा के अधिकार अधिनियम 2009 का उल्लंघन बताया, बल्कि इसे प्रदेश के लाखों छात्रों, बेरोजगार युवाओं और ग्रामीण परिवारों के भविष्य के साथ खुला धोखा बताया।

हेमंत पाल ने कहा:

“छत्तीसगढ़ में शिक्षा को व्यवस्था नहीं, प्रयोगशाला बना दिया गया है। शिक्षक पद समाप्त करना और स्कूल बंद करना सीधे तौर पर शिक्षा के अधिकार पर हमला है। यह निर्णय प्रदेश के गरीब, ग्रामीण और पिछड़े वर्ग के बच्चों से उनकी बुनियादी शिक्षा छीनने जैसा है। NSUI इस अन्याय के खिलाफ अंतिम दम तक लड़ेगी। अगर सरकार ने अपने निर्णय वापस नहीं लिए, तो सड़कों पर निर्णायक आंदोलन किया जाएगा।”
NSUI की माँगें:

  1. युक्तियुक्तकरण प्रक्रिया पर तत्काल रोक लगाई जाए।
  2. 35,000 शिक्षक पदों की स्वीकृति पुनः बहाल की जाए।
  3. 4000 विद्यालयों को बंद करने की योजना रद्द की जाए।
  4. रिक्त पदों पर शीघ्र नई भर्ती प्रक्रिया प्रारंभ की जाए।
  5. शिक्षा सुधार हेतु एक सर्वदलीय व शिक्षाविद समिति गठित की जाए।
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