20 नवम्बर को थाना सरकण्डा में घटित घटना की निश्पक्ष जांच कर कार्यवाही करने की मांग को लेकर पहुंचे एस पी कार्यालय
घटना प्रकाश में आई है कि दिनांक 20 नवम्बर 2024 को रात्रि 02.00 बजे के आसपास सुरक्षा व्यवस्था के मद्देनजर रात्रि कालीन ड्यूटीरत सिपाही अपने गस्त पॉइंट अशोक नगर सरकण्डा में देर रात आने जाने वालों को पूछताछ कर रहे थे कि मोटर सायकिल में तीन व्यक्तियों से पूछताछ के दौरान मोटर सायकिल सवार नायब तहसीलदार पुष्प राज मिश्रा एवं उनका भाई इंजीनीयर ने प्रशासनिक रोब दिखाकर पुछताछ में सहयोग करने के बजाय ड्यूटीरत सिपाहियों से हुज्जत बाजी करने लगे बाद में थाने में भी पदस्थ टी आई से सीएसपी के समक्ष भी तहसीलदार ने अपने पद का रौब दिखाते हुए हुज्जत बाजी करने लगे।जैसे कि रात्रि गश्त में सिपाही एवं टीआई सहीत अन्य स्टाफ अपने उच्चाधिरियों के आदेशों के पालन करते हुए ड्यूटी कर रहे थे। इस दौरान यदि कोई असहयोग करता है तो उसके खिलाफ पुलिस कार्यवाही लाजमी है। और इस कार्यवाही के बाद किसी संगठन के दबाव में आकर उलटा पुलिस सिपाही या थानेदार के खिलाफ ही प्रशासन द्वारा कार्यवाही किया जाना एक पक्षीय कार्यवाही है। इस कार्यवाही से उक्त थानेदार आहत है। उक्त तहसील दार एवं इंजीनीयर की शिकायत पर टी आई तोप सिंग नवरंग को तत्काल निष्पक्ष जांच के लिए लाइन अटैच कर दिया गया जो न्याय संगत नहीं है, यदि जांच में निश्पक्षता की बात है तो नायब तहसीलदार को छोड़ देना कहाँ तक न्याय संगत है. समाचार चैनलों में चल रहा है कि नायब तहसील दार पुष्प राज मिश्रा के कार्यप्रणाली पर बस्तर के विभिन्न संगठनों व आम नागरिकों के शिकायत यह प्रमाणित करता है वह एक प्रशासनिक पावर का दुरुपयोग करता है, रोब से मशगूल अधिकारी ने अपने गृह निवास में भी वहीं कार्य किया। ऐसी स्थिति में प्रशासन की कार्यवाही भेदभाव पूर्ण हैं। सही जाँच के लिए ऐसे बेलगाम नायब तहसीलदार को तत्काल प्रभाव निलंबित कर निष्पक्ष जांच करें। रात्रि गश्त में डुयूटीरत सिपाही एवं थानेदार अनुसूचित जाति एवं जनजाति वर्ग के हैं और इस बात की जानकारी होते ही सवर्ण नायब तहसीलदार जातिगत दुर्भावना के चलते उनसे सार्वजनिक रूप से जातिगत अपमान एवं जलील भी किया था।छ.ग. शासन सामान्य प्रशासन विभाग के इस संलग्न पत्र का भी अवलोकन करना चाहें कि अनुसूचित वर्ग के अधिकारी कर्मचारिर्यों को प्रथमतः चेतावनी दी जाना चाहिये न कि सीधे कार्यवाही। थानेदार पर एक पक्षीय की गई उक्त कार्यवाही को वापस लेते हुए उक्त घटना की निश्पक्ष जांच के बाद उचित कार्यवाही करनें की माँग।