



*राष्ट्रीय किसान दिवस के अवसर पर ब्रह्माकुमारीज कोटमीसुनार में 40 किसानों का हुआ सम्मान l
रोग मुक्त जीवन जीने हेतु शाश्वत यौगिक खेती को अपनाना आवश्यक है- शशिप्रभा l
किसानों ने सीखी प्रकृति को श्रेष्ठ प्रकंपन प्रदान करने हेतु राजयोग की सहज विधि l
ब्रह्माकुमारीज प्रभु अनुराग भवन में कोटमीसुनार,अकलतरी,मधवा, कटघरी,पोड़ी-दल्हा से 40 किसान भाईयों का सम्मान किया गया l
किसानों ने शाश्वत यौगिक खेती को अपनाने व जैविक खाद प्रयोग करने का लिया संकल्प l
बच्चे की तरह धरती माता को भी सही पोषण शुद्ध भावनाएं व प्रकंपन देना चाहिए -शशिप्रभा*
प्रकृति हमारे संकल्पों को भावनाओं को ग्रहण करती है-शशिप्रभा l
सपूत किसानों का कर्तव्य है धरती माता को अमृत पिलायें जहर नहीं -शशिप्रभा
कोटमीसुनार: किसान एक बच्चे की तरह फसल व पौधों की पालना करता है जिस प्रकार बच्चों को सही पोषण प्रदान किया जाता है इसी प्रकार धरती माता को भी हमारे शुद्ध प्रकंपन और अच्छी भावनाओं का सहयोग देना चाहिएl सपूत किसान अन्नदाता होते हैं जो धरती माता के पुत्र होते हैं उनका परम कर्तव्य है की धरती माता को हमेशा अमृत पिलायें जहर नहीं अर्थात आज किसान अज्ञानता वश रासायनिक खाद का उपयोग धरती पर करते हैं इससे धरती पर बहुत बुरा प्रभाव पड़ता है,धीरे-धीरे धरती माता की उर्वरक शक्ति कम हो रही है और जो लाभदायक जीवाणु है वह समाप्त होते जा रहे हैं साथ ही इससे जोअन्न उत्पन्न हो रहा है वह विषैला हैं, कम मेहनत और अधिक पैदावार के लालच में पड़कर आज किसान रासायनिक विषैले खाद का उपयोग कर लेता है इसका दुष्प्रभाव अनेक बीमारियां जैसे कैंसर आदि हो रहे हैं,इसलिए अपने आप को और आने वाली पीढ़ी को रोग मुक्त बनाने के लिए जैविक खाद का उपयोग करें l उक्त बातें कोटमीसोनार ब्रह्माकुमारीज प्रभु अनुराग भवन में राष्ट्रीय किसान दिवस के अवसर पर राजयोग शिक्षिका ब्रह्माकुमारी शशिप्रभा ने कहीं आगे उन्होंने कहा कि ब्रह्माकुमारीज मे 20 प्रभाग हैं जिसमें से एक कृषि एवं ग्राम विकास प्रभाग है और उसके द्वारा समय प्रति समय किसानों के लिए कई कार्यक्रम किए जाते हैं, ब्रह्माकुमारीज में सिखाए जाने वाली शाश्वत यौगिक खेती एक बहुत सुंदर विधि है जिसमें जैविक खाद का प्रयोग किया जाता है और ध्यान के अभ्यास से पौधों एवं फसलों को अच्छे प्रकंप शुद्ध भावनाएं प्रदान किए जाते हैं जिससे पैदावार भी बहुत अच्छे से होता है और अन्न व फल अमृत की तरह प्राप्त होता है, देश के कई बड़े-बड़े किसानों ने राजस्थान महाराष्ट्र और छत्तीसगढ़ में भी कई स्थानों पर अपनाकर देखा है l इससे उपजने वाले फल एवं सब्जियां बहुत स्वादिष्ट एवं स्वास्थ्यवर्धक होती हैं l
कार्यक्रम में कोटमीसुनार,अकलतरी,मधवा, कटघरी,पोड़ी-दल्हा से 40 किसान भाईयों का सम्मान बैच तिलक श्रीफल के द्वारा किया गया सभी ने ध्यान का अभ्यास कर गहन शांति की अनुभूति की व प्रकृति और पौधों तक यह प्रकंपन कैसे पहुंचाएं यह विधि सीखी l किसानों ने शाश्वत यौगिक खेती को अपनाने व रासायनिक खाद का प्रयोग न कर जैविक खाद का ही प्रयोग करने का संकल्प लिया lकुमारी सुरेखा, कुमारी जयंती ने मयारू मोर किसान चल उठ होगे रे बिहान पर नृत्य कर सभी का मन मोह लिया l कुमारी रेखा केवट ने प्यारे गांव हमारे सुनो धरती के तारे गीत पर नृत्य कर सबको आनंदित कर दिया l सम्मुख उपस्थित अतिथि में तीरथ राम साहू, नंदकुमार यादव, देवनारायण पटेल उपस्थित रहेl गया, टीकाराम केवर्त के द्वारा समस्त उपस्थित किसानों का आभार प्रदर्शन किया व मंच संचालन बलौदा क्षेत्र कृषि विस्तारक अधिकारी ब्रह्माकुमार सुरेश साहू ने कियाlअंत में सभी को ईश्वरीय प्रसाद दिया गयाl


