शासन द्वारा शालाओं के युक्तियुक्तकरण की पहल ने एकल व शिक्षक विहीन शालाओं में नए शिक्षकों की पदस्थापना कर शिक्षा व्यवस्था को सशक्त बनाया है। इस पहल से दूरदराज के क्षेत्रों में अब नियमित कक्षाएं संचालित हो रही हैं, जिससे विद्यार्थियों की पढ़ाई फिर से गति पकड़ी है। शिक्षकों की उपस्थिति से शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार आया है, साथ ही पालकों के चेहरों पर बच्चों के उज्जवल भविष्य के प्रति निश्चित दिखाई दे रहे है।  

युक्तियुक्तकरण के पश्चात एकल शिक्षकीय शालाओं को शिक्षक मिलने की खुशी बच्चों के साथ पालकों मे भी साफ दिखाई दे रही है। जिसका स्पष्ट उदाहरण देखने को मिला रायगढ़ जिले के तमनार ब्लॉक के प्राथमिक शाला गुडग़ुड़ में, जहां युक्तियुक्तकरण पश्चात एक शिक्षिका की पदस्थापना हुई है। जहां वर्तमान में 32 बच्चे स्कूल एवं 05 बच्चे बालवाड़ी में अध्ययनरत है। इस तरह कुल 37 बच्चे अध्यनरत है, लेकिन एक शिक्षक होने से उन्हें काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता था। एक शिक्षक द्वारा सभी कक्षाओं में समान समय देना संभव नहीं था, जिससे पढ़ाई की गुणवत्ता भी प्रभावित हो रही थी। लेकिन युक्तियुक्तकरण से सुचारू रूप से सभी कक्षाएं संचालित हो रही है।

गांव के श्री रामुदास महंत ने कहा कि युक्तियुक्तकरण पश्चात गांव के स्कूल में शिक्षिका की नियुक्ति हुई है, जिससे उनके साथ पालक भी खुश है, इससे अब बच्चों की शिक्षा की गुणवत्ता में निश्चित ही सुधार होगा। शाला प्रबंधन समिति अध्यक्ष श्री महेंद्र दास महंत ने कहा कि शासन के द्वारा किए गए युक्तियुक्तकरण से क्षेत्र की शालाओं को काफी फायदा हुआ है, नए शिक्षक मिले है। जिसमें उनका गांव का स्कूल भी शामिल है, जो गत दो वर्षों से एकल शिक्षकीय था। वर्तमान में युक्तियुक्तकरण पश्चात एक और शिक्षिका की पदस्थापना हुई है।

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