अपने परिवार, मित्रों एवं समाज को व्यसन से बचाने का ले संकल्प – बीके स्वाति
14 अगस्त बिलासपुर 2025। नशा हमारे समाज की एक जटिल समस्या बन चुका है। यह समस्या दिन-प्रतिदिन और गहरी होती जा रही है। यह न केवल एक व्यक्ति के जीवन को बर्बाद करता है, बल्कि परिवार और समाज पर भी गहरा प्रभाव डालता है। नशा, चाहे वह शराब, सिगरेट, ड्रग्स, या डिजिटल नशा हो, व्यक्ति के शारीरिक, मानसिक और भावनात्मक स्वास्थ्य को बर्बाद करता है।
उक्त व्यक्तव्य भारत सरकार के सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय द्वारा ‘‘नशा मुक्त भारत अभियान’’ की पांचवीं वर्षगांठ के अवसर पर प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय बिलासपुर की मुख्य शाखा टेलीफोन एक्सचेंज रोड स्थित राजयोग भवन में आयोजित विशेष जागरूकता कार्यक्रम में सेवाकेन्द्र संचालिका बीके स्वाति दीदी ने कही। दीदी ने अभियान का उद्देश्य बताते हुए कहा कि देश को नशामुक्त समाज बनाना, युवाओं एवं समाज के सभी वर्गों को नशे के दुष्प्रभावों से अवगत कराना तथा उन्हें सकारात्मक जीवनशैली अपनाने के लिए प्रेरित करना है। पूरे अगस्त माह में पूरे भारत में जागरूकता सत्र, सामूहिक संकल्प तथा ऑनलाइन एवं ऑफलाइन गतिविधियों के माध्यम से 3 करोड़ लोगों तक पहुँचने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। इसी उद्देश्य से बिलासपुर जिले में स्कूल, कॉलेज, सामाजिक संस्थान व सार्वजनिक स्थलों पर जागरूकता रैलियां, नुक्कड़ नाटक, योग व ध्यान सत्र तथा सामूहिक शपथ समारोह आयोजित किये जा रहे है। नशे की समस्या समाज के हर वर्ग में देखी जा सकती है। चाहे वह ग्रामीण क्षेत्र हो या शहरी। भारत जैसे देश में, जहां युवा आबादी अधिक है, नशा एक बड़ी चुनौती बन गया है। नशा मुक्ति अभियान भारत में नशे की बढ़ती समस्या से निपटने के लिए एक संगठित प्रयास है। यह अभियान लोगों को नशे के खतरों से अवगत कराने, उन्हें सही मार्ग दिखाने, और नशा मुक्त जीवन जीने के लिए प्रेरित करने का कार्य कर रहा है। शराब, तंबाकू, सिगरेट, ड्रग्स जैसे नशे के पारंपरिक रूप तो आम हैं ही, लेकिन आज के डिजिटल युग में ऑनलाइन गेमिंग और सोशल मीडिया की लत ने नशे का एक नया और खतरनाक रूप ले लिया है। ये आदतें धीरे-धीरे व्यक्ति को वास्तविक जीवन से दूर कर रही हैं और उन्हें मानसिक और भावनात्मक रूप से कमजोर बना रही हैं। नशा मुक्त जीवन जीने के लिए परिवार और दोस्तों का सहयोग सबसे अधिक महत्वपूर्ण है। यदि समाज भी इस समस्या के खिलाफ एकजुट हो जाए, तो नशे पर काबू पाया जा सकता है। एक नशा मुक्त समाज न केवल स्वस्थ बल्कि सशक्त भी होता है।
कार्यक्रम के अंत में सभी भाई-बहनों ने संकल्प किया कि अपने परिवार, मित्रों एवं समाज को व्यसन से बचाने का भरपूर प्रयास करेंगे। अपने घर के आसपास नशाग्रसित लोगों को जागरूक कर संकल्प कराएँगे कि जीवन में कभी भी नशा नहीं करें। अपना पर्यावरण स्वच्छ और नशा मुक्त रखेंगे। अपने जीवन में कभी भी किसी भी परिस्थिति में किसी के भी दबाव में आकर किसी भी नशे का प्रयोग नहीं करेंगे।
ईश्वरीय सेवा में
बीके स्वाति दीदी
राजयोग भवन, बिलासपुर

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