बिलासपुर ट्रैफिक पुलिस ने भीषण गर्मी में एक संवेदनशील फैसला लिया दोपहर 12 से शाम 5 तक शहर के सिग्नल बंद रहेंगे ताकि आम नागरिकों को चिलचिलाती धूप से थोड़ी राहत मिल सके। लेकिन जिस स्मार्ट ट्रैफिक सिस्टम पर करोड़ों खर्च हुए, वो अब शहर के लिए सिरदर्द बन गया है।बिलासपुर में इन दिनों पारा तेजी से चढ़ रहा है। इसी को ध्यान में रखते हुए वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक रजनेश सिंह ने दोपहर 12 से शाम 5 बजे तक ट्रैफिक सिग्नल बंद रखने का निर्देश दिया है, ताकि सिग्नल पर खड़े होकर धूप में जल रहे लोगों को थोड़ी राहत मिल सके।यह फैसला गर्मी में राहत पहुंचाने की दिशा में एक सराहनीय कदम है। ट्रैफिक पुलिस जवानों को भी “छायानुमा छतरियां” दी गई हैं ताकि वो धूप में भी ड्यूटी कर सकें। लेकिन इसी राहत के बीच एक बड़ी और गंभीर समस्या शहर की ट्रैफिक व्यवस्था को घेरे हुए है।स्मार्ट सिटी योजना के तहत बिलासपुर में 147 करोड़ की लागत से 400 से अधिक हाईटेक कैमरे और ऑटोमेटिक सिग्नल लगाए गए।
ये सिस्टम ट्रैफिक कंट्रोल और निगरानी के लिए था, लेकिन अब ये खुद अव्यवस्था की सबसे बड़ी वजह बन चुका है।शहर के कई प्रमुख चौराहों पर सिग्नल अटक रहे हैं, रेड-ग्रीन टाइमिंग गड़बड़ है और चालान उन लोगों का कट रहा है जो नियम पालन कर रहे हैं। सत्यम चौक, सीएमडी चौक और गांधी चौक जैसे इलाकों में ग्रीन सिग्नल चल रहा होता है, लेकिन रेड सिग्नल में फंसे लोग असमंजस में खड़े रहते हैं।इस तकनीकी गड़बड़ी के चलते हादसों की आशंका बढ़ गई है। कई बार ग्रीन और रेड सिग्नल एक साथ चलने से वाहन चालक कंफ्यूज हो जाते हैं और दुर्घटनाएं टलती-टलती रह जाती हैं। लेकिन न तो ट्रैफिक विभाग सक्रिय दिख रहा है और न ही स्मार्ट सिटी प्रबंधन।आईटीएमएस के तहत लगाए गए प्लास्टिक स्टॉपर और स्टीम लाइनें भी महज 15 दिन में टूट-फूट का शिकार हो गई हैं। शराबी वाहन चालकों से लेकर दुकानदारों तक ने इन्हें उखाड़ फेंका, लेकिन ना कैमरे इन्हें पहचान सके और ना ही कार्रवाई हुई।आश्चर्य की बात यह है कि करोड़ों के कैमरे केवल चालान काटने में सक्रिय हैं। नियम तोड़ने वाले असली दोषियों की पहचान करने और कार्रवाई करने में ये सिस्टम पूरी तरह फेल हो चुका है।गर्मी से राहत देने वाला सिग्नल बंद करने का फैसला भले ही स्वागत योग्य हो, लेकिन जब तक करोड़ों की लागत से बना ट्रैफिक सिस्टम दुरुस्त नहीं किया जाएगा, तब तक आम जनता नियम पालन करते हुए भी सजा भुगतती रहेगी और ट्रैफिक अव्यवस्था यूं ही बनी रहेगी।