आवासन एवं शहरी कार्य राज्य मंत्री श्री तोखन साहू ने मेघालय में अपने तीन दिवसीय आधिकारिक प्रवास के दूसरे दिन शिलांग एवं चेरापूंजी में विभिन्न महत्वपूर्ण परियोजनाओं का स्थलीय निरीक्षण किया और प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी द्वारा परिकल्पित पूर्वोत्तर को “अष्टलक्ष्मी” के रूप में विकसित करने के संकल्प को दोहराया। उन्होंने कहा कि पूर्वोत्तर के लिए केंद्र सरकार की विकास नीति सतत शहरीकरण, नागरिक–केंद्रित ढाँचे तथा सामुदायिक भागीदारी पर आधारित है।

श्री साहू ने दिन की शुरुआत शिलांग में की, जहां उन्होंने स्मार्ट सिटी मिशन एवं अन्य केंद्रीय योजनाओं के तहत विकसित प्रमुख शहरी परियोजनाओं का निरीक्षण किया। उन्होंने पो़लो मार्केट शॉपिंग कॉम्प्लेक्स का अवलोकन किया—यह 100 करोड़ रुपये की स्मार्ट सिटी परियोजना है, जिसमें 109 दुकानें, 1,70,000 वर्ग फुट का निर्मित क्षेत्र, 12 एस्केलेटर और आधुनिक फूड कोर्ट सम्मिलित हैं। इसके साथ-साथ नदी तट विकास कार्य भी प्रगति पर है तथा दुकानों के आवंटन हेतु निविदा प्रक्रिया प्रारंभ कर दी गई है।

इसके बाद उन्होंने अतिरिक्त सचिवालय में 6.5 करोड़ रुपये की स्मार्ट सिटी परियोजना—पूर्णत: स्वचालित कार पार्किंग प्रणाली—की प्रगति की समीक्षा की, जो 80% निर्माण कार्य पूरा कर चुकी है। इसी क्रम में, उन्होंने एएमआरयूटी मिशन के तहत 52.3 करोड़ रुपये की लागत से विकसित मल-कीचड़ उपचार संयंत्र (एफएसटीपी) का निरीक्षण किया, जो 19 ऑटो-सक्शन ट्रकों द्वारा सेवा प्राप्त करता है। इस संयंत्र में एनेरोबिक ट्रीटमेंट एवं जीरो-वाटर-डिस्चार्ज जैसी पर्यावरण–अनुकूल तकनीकों का उपयोग किया जा रहा है। श्री साहू ने इसे सतत स्वच्छता मॉडल के रूप में सराहनीय बताया।

श्री साहू चेरापूंजी की ओर प्रस्थान करते हुए 12 वीं माइल गांव पहुँचे और जल जीवन मिशन के तहत संचालित जलापूर्ति योजना का निरीक्षण किया। यह योजना वर्तमान में लगभग 500 घरों को स्वच्छ पेयजल उपलब्ध करा रही है। उन्होंने लाभार्थियों एवं ग्राम समिति से संवाद कर “हर घर जल” के लक्ष्य की दिशा में हो रही प्रगति की सराहना की। उन्होंने कहा कि निकट भविष्य में इस योजना का संचालन समुदाय के हाथों में सौंपा जाना स्थानीय सशक्तिकरण की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।

इसके उपरांत उन्होंने सोहरा के समीप स्थित डुवान सिंह सिएम व्यू प्वाइंट का निरीक्षण किया, जो एक प्रमुख पर्यटन स्थल है। उन्होंने यहाँ निर्माणाधीन सार्वजनिक पार्किंग सुविधा का जायज़ा लिया, जो पर्यटन को बढ़ावा देने हेतु विकसित की जा रही है।

चेरापूंजी पहुँचकर श्री साहू ने पॉलो ऑर्किड रिज़ॉर्ट में सीपीडब्ल्यूडी, एनबीसीसी और हडको के अधिकारियों के साथ विस्तृत समीक्षा बैठक की, जिसमें क्षेत्र में चल रही तथा आगामी विकास परियोजनाओं की प्रगति की समीक्षा की गई। बाद में उन्होंने थांगखारांग पार्क का भी दौरा किया, जो भारत–बांग्लादेश अंतरराष्ट्रीय सीमा के निकट एक प्रमुख पर्यटन स्थल है।

अपने दौरे के समापन पर उन्होंने रामकृष्ण मिशन आश्रम एवं विद्यालय का भ्रमण किया, जो पूर्वी खासी हिल्स एवं आसपास के क्षेत्रों में 13,000 से अधिक विद्यार्थियों को शिक्षा प्रदान करने वाला एक महत्वपूर्ण संस्थान है। उन्होंने संस्था के सामाजिक एवं शैक्षणिक योगदान की सराहना की।

प्रधानमंत्री के विज़न को पुनः रेखांकित करते हुए श्री साहू ने कहा कि भारत सरकार पूर्वोत्तर को नवाचार, कनेक्टिविटी, सतत विकास और सांस्कृतिक समृद्धि का गतिशील केंद्र बनाने के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा कि आज निरीक्षित सभी परियोजनाएँ केंद्र सरकार की इस प्राथमिकता को दर्शाती हैं कि पूर्वोत्तर भारत राष्ट्रीय विकास के एक सशक्त इंजन के रूप में उभरता रहे।

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