द्वितीय राज्य स्तरीय पेशेंट सेफ्टी कॉन्फ्रेंस
मरीज के उपचार में चिकित्सकीय व नर्सिंग के महत्व के साथ-साथ मरीजों की सुरक्षा के विभिन्न पहलू भी अत्यंत महत्वपूर्ण होते हैं। पेशेंट सेफ्टी कॉन्फ्रेंस चिकित्सक को स्वास्थ्य कर्मियों तथा नीति निर्धारकों के आपसी सहयोग को प्रोत्साहित करने का एक मंच है जो कि रोगी सुरक्षा के वंचित सुधारो व क्रियान्वयन में सहायक होता है। उपचार के दौरान रोगी सुरक्षा में निदान अत्यंत महत्वपूर्ण है जो कि मरीज के उपचार की दिशा तय करता है

अतः या आवश्यक है कि मरीज की समस्या का सही निदान किया जाए। जिससे मरीज के स्वास्थ्य परिणाम में सुधार हो। इन्हीं आवश्यक महत्वपूर्ण विषयों पर अपोलो हॉस्पिटल समूह प्रतिवर्ष अंतर्राष्ट्रीय पेशेंट सेफ्टी कांफ्रेंस आयोजित करते हैं इसके पूर्वानुक्रम में छत्तीसगढ़ के बिलासपुर में अपोलो हॉस्पिटल बिलासपुर के क्वालिटी कंट्रोल विभाग द्वारा राज्य स्तरीय पेशेंट सेफ्टी कॉन्फ्रेंस का दिनांक 12 जनवरी को होटल कोर्टयार्ड मैरियट में किया गया। कार्यक्रम का मुख्य विषय एनहांस पेशेंट सेफ्टी फॉर टुमारो हेल्थकेयर रहा।


कार्यक्रम का उद्घाटन।मुख्य चिकित्सा व स्वास्थ्य अधिकारी बिलासपुर डॉक्टर प्रमोद तिवारी ने किया अपने उद्घाटन उद्बोधन में उन्होंने इस तरह के आयोजन की आवश्यकता पर बल देते हुए अपोलो के प्रयास की सराहना की। उन्होंने प्राइवेट के साथ-साथ शासकीय स्तर पर भी किए गए प्रयासों जैसे “कायाकल्प” की जानकारी भी दी एवं टेक्नोलॉजी के महत्व को निरूपित करते हुए प्रशिक्षण की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने अस्पताल में मरीजों की सुरक्षा के साथ-साथ घर पर रहने वाले मरीजों की सुरक्षा के संबंध में भी इस तरह के सम्मेलन के आयोजन किए जाने के सुझाव दिया। आयोजन समिति के प्रमुख श्री अजीज खान विभाग अध्यक्ष क्वालिटी कंट्रोल अपोलो हॉस्पिटल बिलासपुर में बताया कि रोगी सुरक्षा को प्राथमिकता देने व एक बहुआयामी दृष्टिकोण अपनाने में इस तरह का आयोजन किए जाते हैं इसका उद्देश्य सुरक्षा प्रणालियों को मजबूत करना स्वास्थ्य कर्मियों को सही निर्णय लेने में सक्षम करना होता है।

आज की पेशेंट सेफ्टी कॉन्फ्रेंस में राष्ट्रीय स्तर के वक्ताओं ने अपने विचार प्रस्तुत किया। श्रीमती सोमा दास रीजनल क्वालिटी कंट्रोल ईस्टर्न रीजन अपोलो हॉस्पिटल समूह ने रोगी सुरक्षा कल्चर के निर्माण एवं प्रभावी क्रियान्वयन पर अपने विचार साझा किया। डॉ मृणाल दास, वरिष्ठ महाप्रबंधक फार्मेसी अपोलो कोलकाता ने रोगी सुरक्षा में फार्मेसी के विभिन्न पहलुओं पर विचार प्रस्तुत करते हुए बताया कि उपचार हेतु दी जाने वाली दवा के उपयोग में डिजिटल तकनीक किस तरह सहायक हो सकती है। डॉ मनोज राय वरिष्ठ सलाहकार, अपोलो हॉस्पिटल बिलासपुर में आईसीयू में रोगी सुरक्षा पर बात करते हुए कहा की आईसीयू में विभिन्न उपकरणों के साथ मरीजों को रखा जाते हैं अतः यह आवश्यक हो जाता है कि उन सभी उपकरणों। के संचालन का ज्ञान आईसीयू स्टाफ को पूरी तरह दिया जाना चाहिए साथी उन्होंने मरीज एवं नर्सिंग के अनुपात को सही रखने पर भी विशेष जोर दिया।


अर्णव स राहा, संस्था प्रमुख अपोलो हॉस्पिटल बिलासपुर में भविष्य में पेशेंट सेफ्टी में तकनीकी, व भविष्य में आने वाले परिवर्तनों पर प्रकाश डालते हुए कहा की नवीनतम तकनीक जैसे आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, रोबोटिक का उपयोग इस दिशा में मिल का पत्थर साबित होंगे। इसके लिए इन तकनीकों के सही उपयोग का प्रशिक्षण अत्यंत आवश्यक है।


डॉ अमित वर्मा वरिष्ठ सलाहकार कैंसर एवं जनरल सर्जरी अपोलो हॉस्पिटल बिलासपुर ने ऑपरेशन थिएटर में रोगी सुरक्षा में संभावित गलतियों को दूर करने पर व पेशेंट सुरक्षा पर अपने विचार प्रस्तुत किया। डॉ निवेदिता मेडिकल हेड इंस हॉस्पिटल कोलकाता ने भविष्य में पेशेंट सेफ्टी को करने के लिए हेल्थ केयर टीम को पर्याप्त अधिकार एवं प्रशिक्षण प्रदान किए जाने पर जोर दिया।


डॉ जीपी जॉर्ज सीईओ अवधेश्वर ग्रुप ऑफ़ इंस्टीट्यूट ने रोगी सुरक्षा के महत्वपूर्ण घटक नर्सिंग पर बात करते हुए कहां की चिकित्सा के उपरांत नर्स के द्वारा दी गई परिचर्या मरीज के स्वास्थ्य सुधार में महत्वपूर्ण होती है अतः नर्सिंग को अत्यंत सचेत रहते हुए दिए के निर्देशों का अनुपालन व किसी भी असामान्य स्थिति को भापकर समुचित प्रतिक्रिया हेतु पर्याप्त प्रशिक्षण दिया जाना चाहिए।
आज के सम्मेलन के स्वागत उद्बोधन डॉ अनिल कुमार गुप्ता चिकित्सा अधीक्षक अपोलो हॉस्पिटल बिलासपुर द्वारा तथा संचालन श्रीमती सेल्विना नंद द्वारा किया गया।इस कार्यक्रम में क्वालिटी कंट्रोल विभाग के समस्त कर्मचारि, इन्फेक्शन कंट्रोल नर्स तथा सभी विभाग अध्यक्षों ने सहयोग किया।
आज किस कार्यक्रम में राज्य के विभिन्न भागों से लगभग 130 लोगों ने सम्मेलन में भाग लिया।

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