प्रदेश सचिव एनएसयूआई रंजेश सिंह ने डॉ प्रमोद तिवारी
मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ अधिकारी बिलासपुर को सौंपा ज्ञापन।
बता दे कि रंजेश सिंह ने पर में ही बिलासपुर जिले में संचालित बगैर लाइसेंस एवं अनुमति लैब कलेक्शन सेंटर और डिजिटल सिग्नेचर का उपयोग कर जारी की जा रही जांच रिपोर्ट की गंभीर समस्या से मुख्य स्वास्थ अधिकारी को शिकायत के माध्यम से अवगत कराया था
जिसके बाद अन्न फनन में दहाई के संख्या में लाइसेंस जाती हुए ,
और इसके अलावा डिजिटल सिग्नेचर के उपयोग पर रोक लगाने और फिजिकल सिंगेचर (भौतिक हस्ताक्षर ) का उपयोग करने का आदेश जारी किया गया था परन्तु इसके बाद भी आला अधिकारी के आदेश को दरकिनार करके आज भी शहर में दर्जनों पैथोलैब संचालित हो रहे हैं जिन्हें स्वास्थ्य विभाग से लाइसेंस नहीं मिला है। इसके अलावा कई कलेक्शन सेंटरों और लैब में पैथोलॉजिस्ट ही नहीं हैं। ऐसे में मरीजों के सैंपलों की जांच के बाद उन्हें कंप्यूटर से डिजिटल सिग्नेचर वाली रिपोर्ट थमाई जा रही है। जबकि महीने भर पहले ही सीएमएचओ डॉ. प्रमोद तिवारी ने एक आदेश निकालकर चेतावनी दी थी कि बिलासपुर जिले के सभी कलेक्शन सेंटर और पैथोलैब में दी जाने वाली रिपोर्ट में डिजिटल सिग्नेचर का प्रयोग न करें। यदि ऐसा करते हुए पाया गया तो उनके खिलाफ कार्रवाई करने की बात कही थी। साथ ही लाइसेंस तक निरस्त करने की चेतावनी दी थी। लेकिन इसके बाद भी शहर के डॉ. लाल पैथोलैब, मार्क हॉस्पिटल का लैब, डॉ. पैथोकेयर लैब, एंजिलस सहित कई लैब व कलेक्शन सेंटरों के संचालक सीएमएचओ के आदेश की अनदेखी करते हुए आज भी डिजिटल सिग्नेचर वाली लैब रिपोर्ट मरीजों को थमा रहे हैं। इसके बावजूद स्वास्थ्य विभाग इन पर कोई कार्रवाई नहीं कर रहा है।

00 कलेक्शन सेंटर और लैब में पैथोलॉजिस्ट नहीं
जिले के कई लैब और कलेक्शन सेंटर में पैथोलॉजिस्ट की अनुपस्थिति गंभीर चिंता का विषय बन गई है। ये सेंटर रायपुर, दिल्ली या मुंबई की लैब कंपनियों की फ्रेंचाइजी लेकर संचालित हो रहे हैं, जहां स्थानीय स्तर पर बिना विशेषज्ञता के जांच की जा रही है। सैंपल कलेक्ट कर खुद ही परीक्षण कर कंप्यूटर से रिपोर्ट जारी की जा रही है। ऐसे मामलों में रिपोर्ट में गड़बड़ी की संभावना बढ़ जाती है, जिससे मरीजों के इलाज में गंभीर त्रुटियां हो सकती हैं। गलत रिपोर्ट के आधार पर दी गई दवाइयों से मरीजों की जान को खतरा हो सकता है।

00 शिकायत मिली है, कार्रवाई होगी
शहर के कुछ लैब और कलेक्शन सेंटर आदेश के बाद भी डिजिटल सिग्नेचर का प्रयोग कर रहे हैं। ऐसे कुछ लैब की डिजिटल सिग्नेचर के साथ रिपोर्ट देने की शिकायत मिली है। सभी पर कार्रवाई की जाएगी। इसके साथ ही जिले के अन्य लैब में भी टीम भेजकर जांच कराई जाएगी।

  • डॉ. प्रमोद तिवारी, सीएमएचओ बिलासपुर।
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