
श्री तोखन साहू ने की पीएम स्वनिधि एवं डीएवाई-एनयूएलएम योजनाओं की प्रगति की समीक्षा; रेहड़ी-पटरी विक्रेताओं के सशक्तिकरण हेतु नई पहलें की रूपरेखा प्रस्तुत
आवासन एवं शहरी कार्य राज्य मंत्री श्री तोखन साहू ने संकल्प भवन, नई दिल्ली में पीएम स्वनिधि और डीएवाई–एनयूएलएम योजनाओं की समीक्षा की। बैठक में शहरी गरीबों, विशेषकर रेहड़ी-पटरी विक्रेताओं के जीवन में आए सकारात्मक बदलावों और भविष्य की योजनाओं पर चर्चा हुई।
अब तक 96.28 लाख ऋण (₹13,842 करोड़) 68.15 लाख लाभार्थियों को वितरित किए गए हैं। डिजिटल भुगतान को बढ़ावा देने के लिए ₹2.66 करोड़ कैशबैक वितरित किया गया है और 7.22 करोड़ डिजिटल लेनदेन दर्ज हुए हैं।
मंत्री श्री साहू के निर्देश एवं भावी योजनाएँ
श्री तोखन साहू ने योजनाओं की सराहना करते हुए कहा कि —
“पीएम स्वनिधि का आवेदन प्रक्रिया और सरल की जानी चाहिए ताकि अधिक से अधिक स्ट्रीट वेंडर्स इस योजना से लाभान्वित हो सकें। ये विक्रेता हमारे शहरी अर्थतंत्र की रीढ़ हैं और हमें यह सुनिश्चित करना होगा कि उनके पास उन्नति के लिए पर्याप्त संसाधन हों।”
मंत्री जी ने यह भी निर्देश दिया कि ‘लोक कल्याण मेला’ जैसे कार्यक्रम अधिकाधिक आयोजित किए जाएँ ताकि रेहड़ी-पटरी विक्रेताओं को वित्तीय पहुँच, डिजिटल समावेशन और समुदायिक सहयोग मिल सके।

‘फूड स्ट्रीट’ – अर्पा रिवरफ्रंट के लिए नई दृष्टि
बैठक में “फूड स्ट्रीट” परियोजना के विकास पर भी चर्चा हुई — जो एक समर्पित वेंडिंग ज़ोन होगा, जहाँ खाद्य विक्रेताओं को सुव्यवस्थित, स्वच्छ एवं सुसज्जित स्थान उपलब्ध कराया जाएगा।
मंत्री जी ने सुझाव दिया कि इस परियोजना को अर्पा रिवरफ्रंट (बिलासपुर) में आरंभ करने की संभावनाओं का अध्ययन किया जाए।
“अर्पा रिवरफ्रंट पर फूड स्ट्रीट का विकास न केवल विक्रेताओं को बेहतर अवसंरचना प्रदान करेगा, बल्कि पर्यटन और क्षेत्रीय सामाजिक-आर्थिक विकास को भी बढ़ावा देगा।” — श्री साहू
अंत में, मंत्री जी ने यह पुनः दोहराया कि सरकार शहरी गरीब समुदायों, विशेषकर रेहड़ी-पटरी विक्रेताओं को सुलभ ऋण, कौशल विकास और डिजिटल सशक्तिकरण के माध्यम से आत्मनिर्भर बनाने के लिए प्रतिबद्ध है।
उन्होंने निकट भविष्य में बिलासपुर में ‘लोक कल्याण मेला’ आयोजित करने के निर्देश दिए, ताकि स्थानीय विक्रेताओं को वित्तीय और डिजिटल संसाधनों से जोड़ा जा सके और उन्हें एक सशक्त मंच प्रदान किया जा सके।
