*बिजली की दरों से जनता भी परेशान है,सरकार मुनाफ़ाखोर हो गई है*- शैलेश

*कांग्रेस की सरकार उद्योगों की मजबूरी समझती कर मदद देती थी तब उद्योग चल पाते थे*

बीजेपी की प्रदेश सरकार ने बिजली की दरों में वृद्धि करी जिसके कारण प्रदेश में उद्योग बंद होने की स्तिथि में आ गए है,छत्तीसगढ़ एक प्रगतिशील राज्य है और उद्योग प्रदेश की रीढ़ की हड्डी है अगर उद्योग ही बंद हो जाएँगे तो प्रदेश प्रगति कैसे करेगा और उसमें काम करने वाले लाखों कर्मचारी बेरोज़गार हो जाएँगे।

सरकार रोज़गार दे नही पा रही है ऊपर से उद्योग जो रोज़गार दे रहे है उनका भी गला दबाने में लगी है,हो सकता है सरकार की कोई चाल हो जिसका खुलासा बाद में हो।प्रदेश और देश में अभी युवा निराश है क्योंकि रोज़गार के लाले पड़े हुए है सरकार केवल दावा और झूठा प्रचार करने में लगी है।

स्पंज आयरन संगठन के अध्यक्ष अनिल जी के अनुसार मजबूरी में ये कदम उद्योग उठाने जा रहे है जिससे लगभग १५० से अधिक उद्योग बंद हो जाएँगे और उन्मे काम करने वाले लाखों लोग बेरोज़गार हो जाएँगे,क्योंकि प्रदेश उत्पादक राज्य है उपभोक्ता राज्य बड़ा नहीं है इसलिए अन्य राज्यों की तुलना में हमारे राज्यों का प्रोडक्ट महँगा बनेगा तो बिकेगा कैसे ?

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