

कड़ाके की ठण्ड और कयामत की रातें थी,
जबर जुल्म की हद पार करने वाली बातें थी,
शहीद होने का उनमें कमाल का जुनून था,
कैसे झुक जाते वो जबर जुल्म के आगे,
जिनकी रगों में श्री गुरु गोविंद सिंह जी का खून था।
भारत के चार महान वीर साहबजादे बाबा अजीत सिंह जी, बाबा जुझार सिंह जी, बाबा जोरावर सिंह जी और बाबा फतेह सिंह जी की अमर शहादत को याद करने पर ही आंखों पर आंसू आ जाते हैं धन्य है वह मां जो ऐसे वीर सपूतों को जन्म दी है और हम बड़े ही भाग्यशाली हैं जो हमें ऐसे वीर सपूतों के बलिदान वाले देश में जन्म लिए हैं आज सिख समाज और और पूर्वी मंडल द्वारा समर्पित वीर बाल दिवस पर उन्हें स्मरण कर श्रद्धांजली अर्पित किया गया है💐💐💐

