

0.. आज देश में सनातनी हिंदू समाज फ्री का चीज लेना छोड़ दें तो वे अपनी मान्यताओं, परंपराओं की ओर आगे बढ़ना आरंभ कर देंगे।
तो राम राज्य होना चाहिए पर ऐसा नहीं हो रहा है।
0….हर चीज के लिए सरकार पर निर्भर नहीं रहें। जो अपने में कमियां है उसे बदलें। विश्व का पहला देश है जहां सरकार के भरोसे घर से लेकर राज्य तक की समस्या हल कराते हैं। इसे बदलना होगा…पुष्पेंद्र कुलश्रेष्ठ
बिलासपुर। गीताप्रेस गोरखपुर की संस्था का शुभारंभ के बाद प्रखर राष्ट्रवादी चिंतक व लेखक पुष्पेंद्र कुलश्रेष्ठ ने पत्रकारों से चर्चा करते हुए कहा कि आज किसी की तो कल और किसी की सरकार होगी। वे अपने अनुसार चलेंगे पर राष्ट्र की परंपरा व मर्यादाएं अनंत काल तक रहता है। इसे कोई तोड़ नहीं सकता है। पूजा कोई रोक नहीं सकता है। श्री कुलश्रेष्ठ ने कहा कि इस देश में सब लोग बराबर है। सभी देश व कानून के अनुसार चलता है। उन्होंने कहा कि पिछले 70 सालों में एक ऐसा देश बनाया गया है जहां सब तरह के लोग रहते हैं। लोग अपना गिरजाघर, मस्जिद जा रहे हैं यह उनके आस्था का मामला है। इस बात में गहराई तक नहीं जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि यदि सनातनी हिंदू समाज फ्री का चीज लेना छोड़ दें तो वे अपनी मान्यताओं, परंपराओं की ओर आगे बढ़ना आरंभ कर देंगे। धर्मांतरण कोई शब्द नहीं है। धर्म का मतलब कर्त्तव्य होता है यानी एक पिता-पुत्र, पण्डित का कर्त्तव्य क्या हो सकता है? धर्मांतरण नहीं मतांतर हो सकता है। सब के लिए नियम बने हैं तो राम राज्य होना चाहिए पर ऐसा नहीं हो रहा है। उन्होंने कहा कि हर चीज के लिए सरकार पर निर्भर नहीं रहें। जो अपने में कमियां है उसे बदलें। विश्व का पहला देश है जहां सरकार के भरोसे घर से लेकर राज्य तक की समस्या हल कराते हैं। इसे बदलना होगा।
गीता प्रेस गोरखपुर की पुस्तक
दुकान का हुआ शुभारंभ
सी-26 श्री श्याम सदर सराफा मेन रोड सदर बाजार बिलासपुर में गीता प्रेस गोरखपुर की पुस्तक दुकान का शुभारंभ शुक्रवार को राष्ट्र चिंतक पुष्पेन्द्र कुलश्रेष्ठ व नगर विधायक अमर अग्रवाल के मुख्य आतिथ्य, जय श्री श्याम मंदिर ट्रस्ट बिलासपुर के अध्यक्ष मंगतराय अग्रवाल के विशिष्ट आतिथ्य एवं भगवताचार्य पं. दुर्गेश अमसेना की उपस्थिति में किया गया। इस मौके पर छ.ग. सराफा एसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष व छ.ग. चैंबर्स ऑफ कामर्स के कार्यकारी अध्यक्ष कमल सोनी, व्यवस्थापक राजू शर्मा, संचालक प्रियंक सर्वण सोनी सहित सनातन धर्म ग्रंथ साहित्य सेवा समिति बिलासपुर के सदस्य एवं अन्य नागरिक भारी संख्या में उपस्थित थे।


