महिला बाल विकास विभाग जो ना करें वह कम है, आए दिन ऐसे ऐसे नियम और निर्देश जारी करती है जिससे महिलाओं का जीना हराम हो चुका है, घर परिवार के बाद आंगनबाड़ी संभालने की जिम्मेदारी उसके बाद निर्वाचन आयोग का काम फिर स्वास्थ्य विभाग का काम नित नए-नए निर्देश आदेश से महिलाओं में कंफ्यूजन और परेशानी की स्थिति है, अभी हाल ही में एक नए निर्देश से महिलाओं में नाराजगी है गुरुवार को भाई दूज का त्योहार पूरे देश भर में हर्षोल्लाह से मनाया जाता है इस दिन बहनें अपने भाइयों को टीका लगाकर उनके दीर्घायु उम्र की कामना करती है,

भोजन के लिए घंटों लाइन, अव्यवस्था

इस त्यौहार  का इंतजार बहने साल भर करती है ,लेकिन इसमें खलल डालते हुए महिला बाल विकास विभाग ने ऐसा ही काम किया है। 23 24 और 25 तीन दिनों का इनका प्रशिक्षण कार्यक्रम लगा दिया गया है ,सभी आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं का प्रशिक्षण दिन भर के लिए लगाया गया है। प्रातः 10:00 बजे से शाम 5:00 बजे तक इनका प्रशिक्षण रखा गया है ,जिससे महिलाओं में नाराजगी है महिला आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं का कहना है कि इस दिन हम भाइयों के घर तिलक लगाने जाती हैं, लेकिन प्रशिक्षण होने के कारण अब नहीं जा पाएंगे,

खाने के लिए धूप में खड़ी। कार्यकर्ता

उनका कहना है कि प्रशिक्षण त्यौहार के बाद लगाया जा सकता था ,लेकिन महिला बाल विकास विभाग को तो बस कार्यकर्ताओं को परेशान करने का कोई ना कोई बहाना चाहिए। गौरतलब है की आधारशिला और नव चेतना नामक दो पुस्तकों का प्रकाशन किया गया है, जिसका प्रशिक्षण देने उन्हें तीन दिवसीय कार्यशाला के लिए बुलाया गया है,, 3 से 6 वर्ष के बच्चों के लिए खेल आधारित गतिविधियों का संग्रह आधारशिला पुस्तक है, वही जन्म से 3 वर्ष बच्चों के लिए प्रारंभिक बाल्यावस्था उत्प्रेरण के लिए रूपरेखा हेतु नव चेतना नामक पुस्तक है ।इन दोनों पुस्तकों  की जानकारी देने तीन दिवसीय प्रशिक्षण रखा गया है ,सुबह 10:00 बजे से ट्रेनिंग है सुबह आंगनबाड़ी खोलना फोटो कैप्चर करना बच्चों को भोजन करने के बाद ट्रेनिंग में जा रही है, अब ऐसे में भाई जब घर आ रहे हैं तो बहनों के  दरवाजा बंद देझ वापस लौट रहे हैं ,जिससे बहनों में रोष है ,महिला बाल विकास विभाग को भी जानकारी है कि यह त्यौहार भाई-बहनों का है तो बहनों को कम से कम इस दिन तो छूट देनी चाहिए या प्रशिक्षण शुक्रवार से लगाया जाना चाहिए था ,लेकिन महिला बाल विकास विभाग तो मानो परेशान करने वाला विभाग बन गया है ,महिला कार्यकर्ताओं को नए-नए निर्देश देकर उन्हें परेशान किया जा रहा है ,जबकि साय सरकार बहनों का हितैषी है और बहनों को सुविधा देने योजना बनाती है लेकिन वही महिला बाल विकास विभाग इस योजना को पलीता लगा रही है, और साय सरकार की महिला हितैषी वादों को जुटलाने प्रयास कर रही है ।महिला बाल विकास विभाग को चाहिए कि किसी त्योहार के दिन खासकर जब महिलाओं से जुड़ा त्यौहार हो उस दिन कोई प्रशिक्षण कार्यक्रम नहीं होना चाहिए , शुक्रवार को भाई दूज के दिन  आंगनबाड़ी कार्यकर्ता सुबह से केदो में पहुंच गई और फोटो कैप्चर कर सारे काम करने के बाद बच्चों को भोजन करने के बाद उन्हें तुरंत 10:00 बजे प्रशिक्षण स्थल जाना था इस प्रकार उन्हें जरा भी समय नहीं मिला कि अपने भाइयों को तिलक लगा सके जबकि इस दिन भाइयों को तिलक लगाने के बाद ही अन्न जल ग्रहण करने की मान्यता है,

भाईदूज के दिन बहनों में जद्दोजहद

लेकिन महिला बाल विकास विभाग के इस तुगलकी फरमान से अब बहने दिन भर भूखे रहेंगे और प्रशिक्षण से छूटने के बाद शाम रात को भाइयों को तिलक लगाएंगे ,इससे बड़ी विडंबना क्या हो सकती है। साय सरकार को जब इस बात की जानकारी होगी तो उन्हें भी आपत्ति हो सकती है, महिला बाल विकास विभाग को चाहिए कि ऐसे निर्देश जारी करें जिससे विभाग का भी काम हो जाए और बहनों का भी त्यौहार मन जाए ।अब 3 दिन तक बहनों को दिन भर के लिए प्रशिक्षण शिविर में जाना होगा जिससे उनके त्यौहार का पूरा मजा किरकिरा होगा।

Share

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

You missed