बिलासपुर। गुरु घासीदास विश्वविद्यालय (केंद्रीय विश्वविद्यालय) नैक से ए++ ग्रेडिंग प्राप्त विश्वविद्यालय के माननीय कुलपति महोदय प्रोफेसर आलोक कुमार चक्रवाल को शिक्षा, शोध एवं नवाचार के क्षेत्र में अकादमिक उत्कृष्टता तथा विशिष्ट योगदान के लिए द्विजेंद्र विश्वविद्यालय, बाली, इंडोनेशिया द्वारा इनोवेटिव एजुकेशन अवॉर्ड 2025 (अभिनव शिक्षा पुरस्कार 2025) से सम्मानित किया गया। यह पुरस्कार द्विजेंद्र विश्वविद्यालय, बाली, इंडोनेशिया तथा ईएसएन प्रकाशन, भारत द्वारा संयुक्त रूप से प्रदान किया गया।
इस अवसर पर कुलपति प्रो. आलोक कुमार चक्रवाल ने द्विजेंद्र विश्वविद्यालय, बाली, इंडोनेशिया तथा ईएसएन प्रकाशन, भारत का पुरस्कार प्रदान किये जाने के लिए आभार व्यक्त करते हुए कहा कि यह पुरस्कार केवल मेरा व्यक्तिगत सम्मान नहीं है, बल्कि समेकित रूप में उच्च शिक्षा क्षेत्र में उत्कृष्ट प्रगति, गुणवत्ता और प्रतिबद्धता का प्रतीक है। गुरु घासीदास विश्वविद्यालय शोध, अनुसंधान एवं नवाचार के साथ ही पेटेंट तथा कौशल विकास व उद्यमिता के क्षेत्र में निरंतर युवाओं का प्रेरणा पुंज बना हुआ है। युवाओं को शिक्षा के साथ आत्मनिर्भर बनाने के लिए विश्वविद्यालय में कौशल विकास से जुड़े विभिन्न प्रकल्प प्रारंभ किये गये हैं, जिनके सकारात्मक परिणाम अब फलीभूत हो रहे हैं।
कुलपति प्रोफेसर चक्रवाल ने कहा कि विश्वविद्यालय के इनक्यूबेशन सेल, आईटीबीआई सेल, जीजीवी स्टार्ट अप फाउंडेशन, टेकनालॉजी इनेबलिंग सेंटर एवं विभिन्न विभागों की मेंटरशिप के सहयोग से 36 स्टार्ट अप जारी हैं जिनमें से इरकी मोटर्स ने ईवी बाइक का निर्माण किया है। स्टार्ट अप इरकी को 300 बाइक के ऑर्डर भी प्राप्त हो चुके हैं।
कुलपति प्रोफेसर चक्रवाल ने कहा कि विश्वविद्यालय में राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 को संपूर्ण स्वरूप में क्रियान्वित किये जाने के अपने संकल्प को दोहारते हुए कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 एक क्रांतिकारी दस्तावेज है जो युवाओं के समग्र विकास को प्रोत्साहित करते हुए उन्हें अनुभवजन्य शिक्षा के साथ कौशल विकास एवं उद्यमिता के लिए प्रेरित करती है। उन्होंने कहा कि भारत को 2047 तक विकसित राष्ट्र के रूप में स्थापित करने के लिए हम सभी को इस नीति को समग्रता के साथ लागू करना होगा।
कुलपति प्रोफेसर चक्रवाल की इस उपलब्धि से गुरु घासीदास केन्द्रीय विश्वविद्यालय परिवार के समस्त सदस्य अत्यंत हर्षित एवं अतंरराष्ट्रीय सम्मान मिलने पर अत्यंत गौरवान्वित है। अंतरराष्ट्रीय मंच पर यह उपलब्धि देश की शिक्षा व्यवस्था को नई पहचान देने वाली साबित होगी।

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