बिलासपुर। गुरु घासीदास विश्वविद्यालय (केंद्रीय विश्वविद्यालय) नैक से ए++ ग्रेड प्राप्त विश्वविद्यालय में दिनांक 12 जनवरी, 2025 को स्वामी विवेकानन्द जयंती को राष्ट्रीय युवा दिवस के रूप में मनाया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता विश्वविद्यालय के माननीय कुलपति महोदय प्रोफेसर आलोक कुमार चक्रवाल ने की।
माननीय कुलपति प्रोफेसर आलोक कुमार चक्रवाल ने कहा कि स्वामी विवेकानन्द युवाओं की प्रेरणा के अजस्त्र स्रोत हैं। आक्रांताओं और पश्चिमी विचारधारा ने भारतीय सनातन पद्धति, संस्कृति और जीवन दर्शन को खंडित करने का प्रयास किया है। पश्चिमी विचारधाराएं ज्यादातर आत्मकेंद्रित हैं तथा सर्व कल्याण की भावना से परे हैं। स्वामी विवेकानंद ने भारतीय आध्यात्म और सनातन परंपरा की प्रवाहमान आधात्मिक गंगा तथा अंतर्निहित सर्वकल्याण की भावना को पुन: प्रतिस्थापित करने का कार्य किया।
कुलपति प्रोफेसर चक्रवाल ने कहा कि विवेकानंद जी ने गहन आध्यात्म के साथ व्यावहारिक जीवनचर्या की राह प्रशस्त की तथा व्यावहारिक वेदांत का सिद्धांत लोगों तक पहुंचाया। उन्होंने भारत के वसुधैव कुटुंबकम के विचार को पश्चिम की धरती से स्थापित करने का भी काम किया।
इससे पूर्व अतिथियों ने दीप प्रज्जवलित कर मां सरस्वती की प्रतिमा तथा स्वामी विवेकानंद जी के तैल चित्र पर पुष्प अर्पित किये। तरंग बैंड ने सरस्वती वंदना एवं कुलगीत की प्रस्तुति दी। नन्हें पौधे से अतिथियों का स्वागत किया गया। स्वागत उद्बोधन अधिष्ठाता छात्र कल्याण प्रो. शैलेन्द्र कुमार ने दिया।
कार्यक्रम के अंत में धन्यवाद ज्ञापन विश्वविद्यालय के कुलसचिव प्रो. ए.एस. रणदिवे ने तथा संचालन डॉ. श्वेता सुब्रह्मण्यम ने किया। इस अवसर पर आयोजित विभिन्न भाषण एवं पोस्टर प्रतियोगिताओं के विजेता छात्र-छात्राओं को कुलपति महोदय ने विवेकानंद साहित्य एवं प्रमाण-पत्र भेंट कर सम्मानित किया। इस अवसर पर विभिन्न विद्यापीठों के अधिष्ठातागण, विभागाध्यक्षगण, शिक्षक एवं अधिकारी उपस्थित रहे।