272 खत लिखने वालों की खुली पोल!!!!

अजीबो ग़रीब मंज़र है देशवासियो!! अब तो ख़ताबार कथित नामचीन हस्तियों को भी सामने लाकर प्रतिपक्ष नेता का विरोध करने और चुनाव आयोग को बचाने की गुहार लगाई जा रही है। जब यह संख्या बताई जा रही थी तब भी सामान्य समझ रखने वाले यह कह रहे थे कि यह भी मोदी-शाह के दबाव के वशीभूत ही हो रहा खेला है!!

अब तो जब ख़तावारों की फेहरिस्त सामने आ गई है तो समझ आ रहा है कि यह साज़िश पप्पू द्वारा वोट चोरी के साक्ष्यों सहित फोड़े बमों का ही असर है। चुनाव आयोग जवाब देने में असमर्थ है इससे इन गुनहगारों को दबोच कर आयोग को साफ़ पाक बताने की यह कवायद हुई है।
जबकि इससे चुनाव आयोग को कोई लाभ नहीं मिलेगा उल्टे इससे ये 272 भाजपा से सम्बंधित इन गुणग्राहकों की जन्मकुंडली खुल गई है!!

प्रतिपक्ष नेता तो वही किए हैं जो उनका दायित्व है। लोकतंत्र और संविधान की रक्षा कर जनता के मौलिक अधिकारों को बचाना। अच्छा हुआ इस बहाने बड़े प्रशासनिक महकमों के पूर्व ख़तावार लोगों को भाजपा ने सामने ला दिया वरना इन्हें कौन जान पाता जिन्होंने संघी और भाजपाई खेमों के साथ काम किया बल्कि उसके एवज में लूट और अय्याशी का लुत्फ भी उठाया है।
विदित हो, भाजपा की जब केन्द्र में 2014 में सरकार बनी थी तब भी इसी तरह कांग्रेस और अन्य दलों के ऐसे ही रंगीन मिज़ाज सुविधा भोगी लोगों ने दामन थामा था ताकि वे सुरक्षित रह सकें!

इसीलिए कहा जाता है भाजपा ऐसी वाशिंग मशीन है जो हर तरह के दाग से निजात दिला देती है। पिछले दिनों की इस खतोकि़ताबत ने भी इस बात की पुष्टि कर दी है। वैसे भी यह जगजाहिर है ही कि वर्तमान सरकार के प्रधानमंत्री और गृहमंत्री गुजरात नरसंहार के दोषी हैं जिन्हें बचाने वाले जज को लाभ पहुंचाया गया। गृहमंत्री जी तो तड़ीपार रहे हैं। फिर कैसे कल्पना की जा सकती है कि ईमान के राही,सत्य बोलने वाले इस सरकार में सुकून से रह पाएंगे!

कितना अभागा है यह देश जहां बहुसंख्यक नेताओं के साथ, प्रशासनिक अधिकारियों, कर्मचारियों ने ईमान बेच खाया है। स्वतंत्र जांच इकाईयां भी गिरवी हैं। न्यायपालिका पर भी जहां काले धब्बे लगे हों वहां एक ईमान की बात कहने वाला सच्चा नेता जो देश की पहचान बचाने में अपना सर्वस्व होम करने दृढ़ संकल्पित है, को निशाना बनाया जा रहा है। उसका दोष यही है कि उसके परिवार में दो प्रधानमंत्री हुए। वह प्रथम प्रधानमंत्री पंडित नेहरू का निकट सम्बन्धी है तथा उसकी मां विदेशी है!

आज चोरों की बारात है। बड़े बड़े लुटेरों को दूल्हा बनाके देश को बर्बाद किया जा रहा है। ऐसे चोरों और छद्म आचरण वालों के बीच इन अंधेरों को चीरकर सूरज की तरह जलता पप्पू अपने देश की विरासत को बचाने निकल पड़ा है। वह साहस और दृढ़ संकल्प के साथ बेशक अकेला खड़ा है। काश! देशवासी इसे समझ पाते।वह सत्ता का भूखा नहीं है वह गांधी की तरह देश की अवाम को गुलाम बनाने वाली अपने देश की सरकार से लड़ रहा है!

इसीलिए उस पर सरकार के आरोपों के बाद अब ऐसे बिकाऊ नामचीन लोग भी उसे संवैधानिक पाठ पढ़ाने और बदनाम कर देशद्रोही बनाने पर तुले हुए हैं। खैरियत है कुछ युवा नेता दलों की परवाह ना करते हुए उसके साथ जुड़ रहे हैं। हम सब भली-भांति जानते हैं देर सबेर कितनी भी हो जाए, एक दिन झूठ की जगह सच ही जीतता है। देश के विद्रोहियों में अभी 272 नाम सामने आए हैं! ऐसा ही चलता रहा तो भविष्य में सेवा में कार्यरत सभी कर्मचारी अधिकारियों का भी इसी तरह दुरुपयोग होगा क्योंकि आखिरकार वे इस फासिस्ट सरकार के गुलाम जो ठहरे!!

Share

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *