
भारतीय संस्कृति को शैतानी ताकतों से बचाना है तो जनता को और थोड़ा जागरूक होने की जरूरत जनजागरूकता आवश्यक – रेंशी श्याम गुप्ता
छत्तीसगढ़। सामाजिक कार्यकर्ता, प्रेस रिपोर्टर क्लब के संरक्षक एवं नागरिक सुरक्षा सेवा संगठन के संस्थापक रेंशी श्याम गुप्ता ने कहा है कि भारत की महान संस्कृति, परंपराएँ और आध्यात्मिक धरोहर केवल पुस्तकों में सुरक्षित रखने की चीज़ नहीं हैं, बल्कि इन्हें जनमानस के माध्यम से जीवित रखना समय की सबसे बड़ी आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि देश को महान संतों, ऋषियों और महापुरुषों ने अपने तप, त्याग और बलिदान से जिस ऊँचाई तक पहुँचाया है, उसे बनाए रखना हर सच्चे नागरिक का दायित्व है।
श्याम गुप्ता का मानना है कि आधुनिक समय में समाज कई तरह की नकारात्मक प्रवृत्तियों, भ्रमों और भटकावों से घिरा हुआ है। ऐसे में जनता का जागरूक होना अनिवार्य है, ताकि भारतीय संस्कृति को कमजोर करने वाली किसी भी गतिविधि, विचार या दिशा को समय रहते पहचाना जा सके। उन्होंने कहा कि “शैतानी ताकतों” से उनका आशय उन प्रवृत्तियों से है, जो समाज में फूट डालें, युवाओं को भटकाएँ या हमारी सांस्कृतिक जड़ों को कमजोर करें।
उन्होंने कहा कि भारत की धरती “देव भूमि” कही जाती है, यहाँ हजारों वर्षों से संतों, गुरुओं और महापुरुषों ने मानवता और राष्ट्रहित के लिए अपना जीवन समर्पित किया है। ऐसे में यह विरासत केवल सरकारों या संस्थाओं की जिम्मेदारी नहीं, बल्कि हर नागरिक का सामूहिक दायित्व है कि वह अपने परिवार, समाज और आने वाली पीढ़ियों को सही दिशा दे।
नागरिक सुरक्षा सेवा संगठन लगातार समाज में जागरूकता, एकता और राष्ट्रीय मूल्यों को मजबूत करने की दिशा में कार्य कर रहा है। श्याम गुप्ता ने अपील की कि देशभक्ति केवल नारों तक सीमित नहीं होनी चाहिए, बल्कि दैनिक जीवन में संस्कार, कर्तव्य, अनुशासन और राष्ट्रहित सर्वोपरि रखने की भावना से ही सच्चे अर्थों में संस्कृति की रक्षा संभव है।

