
ये हसदेव अरण्य क्षेत्र का ग्राम घाटबर्रा है,जगह जगह लिखा है, अडानी वापस जाओ, अदानी की गाड़ी घाटबर्रा में घुसना मना है,अदानी की जागीर नहीं, यह गांव हमारा है, ये सब कोई पेड लिखावट नही है, यहां की दीवारों,घरों, पानी की टंकी तक पर लिखा एक एक स्लोगन, यह साफ दर्शा रहा है कि गांव के लोग क्या सोचते है।
गांव के आस पास बात करने से एक बुजुर्ग मिल गए, बात करते हुए उनके आंख से आंसू आने लगे, बोलने लगे की तुम्हारी तरफ हमारे बच्चे भी है, वो भी कहते है कि पर्यावरण बचाना है, गांव बचाना है लेकिन फिर भी हमारे उन बच्चो को, लड़कियों को, लडको को यहां पर उठाकर ले जाया गया, बस में भरकर पुलिस बल लगाकर जंगल काटा जा रहा है, बताओ क्या करे….
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