
डी.पी. विप्र महाविद्यालय में 17 जनवरी को राजनीति विज्ञान विभाग एवं आई.क्यू.ए.सी. विभाग के संयुक्त तत्वावधान में एक दिवसीय व्याख्यान माला राष्ट्र विकास में नई शिक्षा नीति की भूमिका विषय पर आयोजित किया गया। जिसमें मुख्य अतिथि यु.एस.टी.डी.एम. विश्वविद्यालय मेघालय के कुलपति प्रो. जी.डी. शर्मा, अध्यक्षता प्रशासन समिति के अध्यक्ष श्री अनुराग शुक्ला, विशिष्ट अतिथि श्री राजकुमार अग्रवाल, प्राचार्य डॉ. श्रीमती अंजू शुक्ला रही।
प्रो. जी.डी. शर्मा ने नई शिक्षा नीति पर प्रकाश डालते हुए बताया कि अभी तक हमारी पॉलिसी प्रोग्राम बेस है, जो अब कोर्स बेस पर आधारित होगी। जिसके कई चरण है। जिसमें 60ः एवं 40ः का रेसियो है। यह शिक्षा नीति एक्टिव लर्निंग है। जो हमारे लिए एक चैलेंज है। यह कानटेक्ट डेवलपमेंट एवं डिस्ट्रिब्यूशन पर आधारित है। श्री अनुराग शुक्ला ने प्राध्यापकों को नई शिक्षा नीति के तहत् कार्य करने की बात की। श्री राजकुमार अग्रवाल ने कहा कि अभी हम प्राथमिक स्तर पर है, हमें नई शिक्षा नीति को संज्ञान में रखते हुए आगे बढ़ना है। हमारी मेहनत और लक्ष्य उचित है तो हमें आगे बढ़ने में कठिनाई नहंीं होती है। प्राचार्य ने अपने उद्बोधन में बताया कि नई शिक्षा नीति के तहत् एजुकेशन पॉलिसी को पारदर्शी बनाना है और साथ ही रिसर्च पर अधिक ध्यान देने की बात कही।
कार्यक्रम का संचालन एवं आभार राजनीति विभाग की प्राध्यापक डॉ. आभा तिवारी के द्वारा किया गया। कार्यक्रम में डॉ. मनीष तिवारी, डॉ. संजय तिवारी, डॉ. विवेक अम्बलकर, डॉ. एम.एल. जायसवाल, डॉ. सुषमा शर्मा, डॉ. आशीष शर्मा, श्रीमती शिखा पहारे, श्रीमती तोषिमा मिश्रा, श्री निधिष चौबे, श्री विश्वास विक्टर, डॉ. ऋचा हाण्डा, डॉ. किरण दुबे, श्री रूपेन्द्र शर्मा, श्री शैलेन्द्र कुमार तिवारी, कु. सविता विश्वकर्मा, श्रीमती ज्योति तिवारी, श्री सुचित दुबे, कु. कांची वाजपेयी, श्रीमती आभा वाजपेयी, श्री प्रमोद नरेश, श्री सगराम चन्द्रवंशी एवं महाविद्यालय के समस्त प्राध्यापक उपस्थित रहे।