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बिलासपुर, प्रबन्ध एवं वाणिज्य विभाग के द्वारा उद्यमिता विषय पर आई.आई.एम. के तत्वाधान में तीन दिवसीय कार्यशाला आयोजित किया गया। जिसके अंतर्गत उद्यमिता विषय के सम्पूर्ण पहलू पर व्यवहारिक रूप से चर्चा की जावेगी।
शासी निकाय के अध्यक्ष, डॉ. संजय दुबे ने प्रेषित शुभकामनाओं में कहां यह बड़े हर्ष का विषय है कि महाविद्यालय के प्रबंध एवं वाणिज्य विभाग के द्वारा उद्यमिता विभाग पर तीन दिवसीय कार्यशाला आयोजित हो रहा है। जिससे छात्र निश्चिततौर पर लाभान्वित होंगे एवं व्यवहारिक ज्ञान में भी वृद्धि होगी। छात्र छात्रायेें अपने उद्योग भी चालू कर सकते हैं तथा अपना भविष्य भी संवार सकते हैं।
शासी निकाय के सदस्य अमन दुबे ने कहा कि उद्यमिता एक रूचिकर विषय है जिसे छात्र छात्रायें अपने जीवन में उतार सकते हैं तथा उद्यमिता बिना जोखिम से सम्भव नहीं है। जोखिम लेने से ही प्रगति होती है। भारत सरकार के द्वारा उद्यमिता के लिये अनेक कार्यक्रम चालू किये हैं। जिसमें ऋण एवं पूंजी की सरकार के द्वारा दी जानी है जिसका लाभ उठाया जा सकता है।
आज की कार्यशाला में समूह बनाया गया एवं समूह को एक कार्य दिया गया और कार्य के आधार पर छात्र-छात्रायें का मूल्यांकन किया गया और उन्हें उनकी कमजोरी एवं ताकत और कमजोरी को दूर करने का उपाय बताये गये।
डॉ. शशीधर इस कार्यक्रम में आई. आई एम. कोलकाता की ओर से प्रतिनिधित्व कर रहे है।
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कार्यक्रम के मुख्य अतिथि डॉ. प्रवीर पाण्डेय, ए.डी.जे. ने कहा कि सी.एम.दुबे महाविद्यालय के एक पुराना महाविद्यालय हैै मुझे आपार खुशी है कि महाविद्यालय उद्यमिता विषय पर तीन दिवसीय कार्यशाला आयोजित हो रहा है निश्चय ही छात्र-छात्राओं को लाभ होगा। छात्र-छात्रायें भविष्य की सम्पति है। एवं मैं इनको धरोहर के रूप में मानता हूं।
आज के कार्यक्रम का संचालन डॉ. यशस्वी मिश्रा के द्वारा किया गया। कार्यक्रम को सफल बनाने डॉ. आदित्य दुबे, डॉ. राजेश शुक्ला, डॉ. शरद बाजपेयी, कु. साक्षी सिंह, कु. पारूल काले, उपस्थित रहे। छात्र छात्राओं को संयोजन करने में श्रीमती सुमेला चटर्जी की भूमिका अहम रही।
डॉ. दीपक चक्रवर्ती, आई. क्यू. ए.सी के प्रभारी भी उपस्थित रहें।
समस्त कार्यक्रम को प्रभारी प्राध्यापक, डॉ. संजय ंिसंह के निर्देशन में संपादित किये गये।