मस्तूरी थाने का लोकल होनें का उठा रहें है‌‌। जमकर फायदा कार्रवाई कब ?

बिलासपुर। बिलासपुर जिले के मस्तूरी थाना में एक ऐसा भी आरक्षक है जो पत्रकारों से मिली जुली सरकार चला रहा है हर मामले में इनका बराबर का कमीशन रहता है बस इनका काम यह होता है कि थाने की किसी भी मामले को त्वरित रूप से पत्रकारों तक पहुंचा देती है इसके बाद पत्रकार का एक समूह उनके बताए हुए मामले को लेकर लग जाती है और तब तक इनका एक्शन जारी रहता है जब तक लंबी वसूली न हो जाए आपको बताते चले की यह आरक्षक लंबे समय से अपने गृह थाने मस्तूरी में पदस्थ है इससे पहले सीपत और उससे पहले पचपेड़ी में यह आरक्षक पुलिस का नाम बदनाम करके यहां मस्तूरी पहुंचे हैं सोचने वाली बात हैं कि मस्तूरी में ऐसा कौन सा सोना या हीरे का खदान है जो यह घूम फिर कर मस्तूरी पचपेड़ी और सीपत थाने के चक्कर लगा रहे हैं ताज्जुब तो तब होती है जब पुलिस विभाग के बड़े-बड़े अधिकारी इन जैसे वसूली बाज आरक्षकों के बार-बार ट्रांसफर के बाद भी मस्तूरी विधानसभा में ही क्यों भेज देते हैं यह जान कर भी की मस्तूरी इनके गृह थाना क्षेत्र में आता हैँ जहां यह लोकल होने का फूल फायदा उठाते हैं और जमकर वसूली करते हैं कबाड़ी अवैध शराब बेचने वाले कोचिंए अन्य से ये जमकर वसूली कों अंजाम दे रहें हैँ और मोटी रकम अंदर कर रहें हैँ ये पत्रकारों से मिलकर पुलिस वालों कों भी नहीं छोड़ रहें इनकी मंशा पूरी नहीं होनें पर ये अपने सह पाठीयों पुलिस वालों कों भी घसीट रहें हैँ जिससे बार बार मस्तूरी पुलिस की छवि पर दाग लग रहा हैँ मालूम हो कि पचपेड़ी थाने में पोस्टिंग के दौरान इनके द्वारा पुलिस विभाग के गोपनीयता को भंग करने का काम किया गया था जिस पर उनके खिलाफ इंक्वारी भी बैठी थी और इंक्वारी सही साबित होने के बाद इनका सालों तक लाइन अटैच कर बिलासपुर पुलिस मुख्यालय में रखा गया था इतना सब कुछ होने के बाद भी यह आरक्षक सुधरने के बजाय बड़े-बड़े अधिकारियों और विभाग के नाम को बदनाम करने में लगे हुए देखना होगा कब तक ऐसे आरक्षकों को बड़े अधिकारी नजरअंदाज करते हैं

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