हम जन्म लेते हैं, ओर रोते😭 हुए ही इस भूमि पर आंखें खोलते हैं, यदि हम रोऐं नहीं तो लोगों को चिन्ता होती है,ओर हल्की थपकियों से रुलाया जाता है,।
हमें सहारे ओर पालने की प्रक्रिया आरम्भ हो जाती है। हम धरती पर हाथ और पांव 🦶🏻के सहारे से चलते हैं, न हमें नन्हे कंकड़ ओर न, गर्म का ज्ञान होता है। होश सम्हालते ही, मंजिल छूने की लालसा होती है ,मेहनत ओर कष्ट राह में चुभन पैदा करते हैं। कष्ट ओर चुभन को समेटते हुए मंजिल,छू लेना सुखद अहसास है। हमें यह ध्यान रखना चाहिए कि, वक्त हमेशा मेहरबान नहीं होता, ये ज़िन्दगी हमें, जीने का तजुर्बा भी सिखाया करतीं हैं। जीवन में वक्त डराता भी है ओर भटकाता भी है, यही तो कष्ट है, कष्ट सहन कर लिया और मुस्कुरा😃 कर आगे बढ़ गये ,तो मंजिल भी उतावली है आपको समाचार करवेज करने हेतु अनेक शुभकामनाएं और

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