राजनांदगांव कलेक्टोरेट कार्यालय के सामने अपनी तीन सूत्रीय मांगों को लेकर छत्तीसगढ़ प्रदेश स्वास्थ्य कर्मचारी संघ के बैनर तले, समुदायिक स्वास्थ्य अधिकारी प्रकोष्ठ द्वारा अनिश्चितकालीन धरना प्रदर्शन शुरू किया है।अपनी तीन सूत्री मांगों को लेकर सामुदायिक स्वास्थ्य अधिकारियों द्वारा आज से अनिश्चितकालीन हड़ताल की शुरुआत कर दी गई है। राजनांदगांव शहर के कलेक्ट्रेट कार्यालय के सामने धरना प्रदर्शन करते हुए सामुदायिक स्वास्थ्य अधिकारियों ने अपनी आवाज बुलंद की। प्रदेश स्वास्थ्य कर्मचारी संघ के बैनर तले आयोजित अनिश्चितकालीन धरना प्रदर्शन के दौरान सामुदायिक स्वास्थ्य अधिकारियों ने कहा कि उन्हें कई महीनो से कार्य आधारित वेतन का भुगतान नहीं किया जा रहा है, जिससे उनकी आर्थिक स्थिति बिगड़ रही है। वहीं उन्होंने अपनी दूसरी मांग के तहत बताया कि वह ग्रामीण क्षेत्रों में जाकर काम कर रहे हैं, लगभग तीन से पांच गांव कव्हर करते हैं, इस दौरान उन्हें मुख्यालय में रहने कहा जाता है।
सामुदायिक स्वास्थ्य अधिकारियों ने मांग रखी है कि उन्हें 8 किलोमीटर के दायरे में रहने की अनुमति दी जाए, वहीं उनका स्थानांतरण गृह जिले में किया जाए। इसके अलावा अपने एक अन्य साथी सामुदायिक स्वास्थ्य अधिकारी पवन वर्मा की बर्खास्त की को बहाल करने की मांग रखी है। इस अनिश्चितकालीन हड़ताल के दौरान सामुदायिक स्वास्थ्य अधिकारी इरशाद बानो ने कहा कि कार्य आधारित वेतन भुगतान नहीं होने से काफी परेशानी हो रही है, वहीं उन्होंने कहा कि हमें ग्रामीण मुख्यालय में रहने कहा जा रहा है। हमारा मुख्यालय जंगली पहाड़ी एरिया है, जहां महिला का अकेले रहना मुश्किल है।
राजनांदगांव जिले में लगभग 100 सामुदायिक स्वास्थ्य अधिकारी हैं जो दूरस्थ ग्रामीण क्षेत्रों में जाकर स्वास्थ्य सुविधाओं का विस्तार करते हैं। वही अपने मुख्यालय में ओपीडी भी संभालते हैं। सामुदायिक स्वास्थ्य अधिकारी द्वारा प्रत्येक गांव में जाकर दो-दो दिन स्वास्थ्य सेवाएं दी जाती है। इसके साथ ही दवाई और गर्भवती महिलाओं की डिलीवरी सहित अन्य चिकित्सा कार्यों को अंजाम दिया जाता हैं। ऐसे में अब उनके हड़ताल पर चले जाने से दूरस्थ वनांचल क्षेत्र में स्वास्थ्य सुविधा बदहाल होगी।