आगामी मानसून के दौरान संभावित बाढ़ से निपटने जिला प्रशासन पूरी तरह अलर्ट मोड पर है। इसी कड़ी में मंगलवार को श्यामनगर ग्राम पंचायत स्थित तालाब को बाढ़ प्रभावित क्षेत्र मानते हुए व्यापक मॉक ड्रिल का आयोजन किया गया।

डिप्टी कलेक्टर रामसिंह सोरी और जिला सेनानी पुष्पराज के नेतृत्व में हुई इस मॉक ड्रिल में आपदा प्रबंधन विभाग, पुलिस, फायर ब्रिगेड, स्वास्थ्य विभाग, नगरसेना की बाढ़ आपदा टीम और आपदा मित्रों ने सक्रिय भागीदारी निभाई।

अभ्यास के दौरान बाढ़ में फंसे लोगों को सुरक्षित स्थान पर पहुंचाने, नावों के जरिए रेस्क्यू ऑपरेशन, घायलों को प्राथमिक उपचार, अस्थाई राहत शिविर और भोजन-पानी की व्यवस्था जैसे हालातों को बखूबी अंजाम दिया गया।

डिप्टी कलेक्टर ने कहा कि मॉक ड्रिल के जरिए हमारी तैयारियों की सटीक जांच हुई है। ऐसे अभ्यास हमें किसी भी आपात स्थिति में त्वरित और प्रभावी प्रतिक्रिया देने के लिए सक्षम बनाते हैं।

पुलिस विभाग ने भी रेस्क्यू में सक्रिय भूमिका निभाते हुए यह स्पष्ट किया कि सुरक्षा और समन्वय में पुलिस की भागीदारी अहम होगी।

जिला प्रशासन का यह अभ्यास दर्शाता है कि गरियाबंद हर चुनौती से निपटने को तैयार है।

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